सात साल बाद रिहाई के चंद घंटों के भीतर गोपन्ना फिर पुलिस हिरासत में
Wed, 01 Oct 2014 07:04:14 | Bhilai Hindi News
जगदलपुर। माओवादी लीडर के तौर पर बड़ी वारदातों का आरोपी गोपन्ना मंगलवार को रिहाई के चंद घंटों बाद फिर हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने गोपन्ना के खिलाफ बीजापुर जिले के छह स्थायी वारंट पर उसको हिरासत में लिया है। करीब सवा छह घंटे के इस हाईवोल्टेज घटनाक्रम ने पुलिस महकमे में हलचल मचा रखी थी। फिलहाल गोपन्ना को बोधघाट थाने में रखा गया है।
माओवादी वारदातों के अलग-अलग 13 मामलों में साक्ष्यों के अभाव में गोपन्ना को बरी कर दिया गया। इसमें अंतिम प्रकरण में दंतेवाड़ा के फास्ट ट्रैक कोर्ट से हत्या के प्रयास के मामले में बरी होने के बाद मंगलवार को केंद्रीय जेल से उसकी रिहाई हुई। पुलिस ने उसका मुलाहिजा कराया गया। सुबह करीब 11 बजे गोपन्ना अपने वकील के साथ चला गया। माना जा रहा है कि गिरफ्तारी की आशंका के चलते ही उसने अदालत में करीब साढ़े चार बजे अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर दी थी। इसके करीब पौन घंटे बाद ही अदालत से निकले गोपन्ना को पुलिस ने दबोच लिया। शाम लगभग सवा पांच बजे उसे बोधघाट थाने ले जाया गया। थाना प्रभारी बीएस खुंटिया के अनुसार बीजापुर जिले की माओवादी वारदात में गोपन्ना के शामिल होने को लेकर आधा दर्जन वारंट तामिल नहीं हो सके थे।
वारंट में हत्या का आरोपी
पुलिस ने गोपन्ना को हिरासत में लिए जाने को लेकर जिस वारंट का जिक्र किया है वो बासागुड़ा व मद्देड़ इलाके का बताया जा रहा है। इसमें हत्या व हत्या के प्रयास जैसे मामले हैं।
गोपन्ना के अधिवक्ता के अनुसार यह वारंट गोपाल पिता नामालूम हाल करकेली दलम मद्देड व गोपन्ना पिता नामालूम हाल करकेली दलम मद्देड के नाम से तामील किया गया है।
अदालत में लगाई सुरक्षा की अर्जी
केंद्रीय जेल के आसपास पुलिस की हलचल सुबह से ही थी। इसी के चलते गोपन्ना के अधिवक्ता अरविंद चौधरी ने सीजीएम कोर्ट में अपने मुवक्किल को पुलिस से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की अर्जी लगाई। इसके बाद सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका में अदालत को बताया कि पुलिस पीछा कर रही है। मुवक्किल को गैर जमानती मामले में आरोपी बनाया जा सकता है। शाम को गोपन्ना अदालत से निकले तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
जानकारी मिली तब कराई वारंट की तामीली
एसपी बीजापुर केएल ध्रुव के अनुसार गोपन्ना कौन है और कहां है इसकी जानकारी नहीं थी। बासागुड़ा इलाके में गोपन्ना के खिलाफ आगनजी, हत्या व लूटपाट के मामले दर्ज हैं। इधर इलाके में उसकी तलाशी जारी थी। जब यह जानकारी मिली कि गोपन्ना नाम के व्यक्ति की रिहाई हो रही है और वो इस इलाके में सक्रिय रहा है तो इस वारंट को तामील किया गया है। वारंट तामीली में देरी को लेकर जिम्मेवार कर्मचारियों से पड़ताल की जा सकती है।
सात साल में वारंट की तामीली क्यों नहीं?
अधिवक्ता अरविंद चौधरी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि जब सात साल से गोपन्ना प्रदेश की विभिन्नि जेल में बंद रहा और तेरह मामलों की अदालत में सुनवाई चल रही थी। तब उसके खिलाफ निकाले गए वारंटों की तामीली क्यों नहीं कराई गई? ऎसा नहीं करके रिहाई कुछ घंटो के बाद अचानक वारंट की तामीली का हवाला देना मेेरे मुवक्किल को परेशान करने वाली बात है।
गरियाबंद से हुई थी गोपन्ना की गिरफ्तारी
गोपन्ना मूलत: तेलंगाना के वारंगल इलाके का रहने वाला है। उसका पूरा नाम जी गोपन्ना रेaी (53) पिता गोपी रेaी है। इनके परिवार में माता पिता की जानकारी नहीं है। उसके भाई बहन को अधिवक्ता ने रिहाई की जानकारी दी थी। इसके बाद वे वारंगल से रवाना हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि गरियाबंद इलाके में 2007 में पुलिस के हत्थे चढ़ा था। पुलिस के अनुसार गोपन्ना दण्डकारण्य जोनल कमेटी का सक्रिय सदस्य था और कई बड़े वारदातों को अंजाम दिए जाने का मामला था। गोपन्ना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने उसे हार्डकोर माओवादी साबित करना चुनौती था। आखिर में हत्या, लूटपाट, फायरिंग, पुलिस पार्टी पर हमले जैसे कुल 13 मामलों में गोपन्ना के खिलाफ अलग-अलग जिलों के न्यायालय में मुकदमा चल रहे थ्ेा। एक एक कर न्यायालय ने पुलिस के कमजोर डायरी और केस में गवाहों व साक्ष्यों के अभाव में गोपन्ना को बरी किया। सोमवार को दंतेवाड़ा के फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश सिद्धार्थ धनेश्वरी ने धारा 307 के मामले में गोपन्ना को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस बीच गोपन्ना रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में रहा। मंगलवार को रिहाई का ऑर्डर लेकर उनके अधिवक्ता अरिविंद चौधरी सेन्ट्रल जेल पहुंचे।
आज कोर्ट में होगा पेश
बीजापुर एसपी ने गोपन्ना नाम के व्यक्ति के खिलाफ छह वारंट होने की बात कही है। इसके आधार पर ही पुलिस वारंट तामील कर रही है। पुलिस ने गोपन्ना को हिरासत में लिया है। गोपन्ना को न्यायालय के समक्ष बुधवार को पेश किया जाएगा।
एसआरपी कल्लूरी, आईजी बस्तर रेंज
माओवादी वारदातों के अलग-अलग 13 मामलों में साक्ष्यों के अभाव में गोपन्ना को बरी कर दिया गया। इसमें अंतिम प्रकरण में दंतेवाड़ा के फास्ट ट्रैक कोर्ट से हत्या के प्रयास के मामले में बरी होने के बाद मंगलवार को केंद्रीय जेल से उसकी रिहाई हुई। पुलिस ने उसका मुलाहिजा कराया गया। सुबह करीब 11 बजे गोपन्ना अपने वकील के साथ चला गया। माना जा रहा है कि गिरफ्तारी की आशंका के चलते ही उसने अदालत में करीब साढ़े चार बजे अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर दी थी। इसके करीब पौन घंटे बाद ही अदालत से निकले गोपन्ना को पुलिस ने दबोच लिया। शाम लगभग सवा पांच बजे उसे बोधघाट थाने ले जाया गया। थाना प्रभारी बीएस खुंटिया के अनुसार बीजापुर जिले की माओवादी वारदात में गोपन्ना के शामिल होने को लेकर आधा दर्जन वारंट तामिल नहीं हो सके थे।
वारंट में हत्या का आरोपी
पुलिस ने गोपन्ना को हिरासत में लिए जाने को लेकर जिस वारंट का जिक्र किया है वो बासागुड़ा व मद्देड़ इलाके का बताया जा रहा है। इसमें हत्या व हत्या के प्रयास जैसे मामले हैं।
गोपन्ना के अधिवक्ता के अनुसार यह वारंट गोपाल पिता नामालूम हाल करकेली दलम मद्देड व गोपन्ना पिता नामालूम हाल करकेली दलम मद्देड के नाम से तामील किया गया है।
अदालत में लगाई सुरक्षा की अर्जी
केंद्रीय जेल के आसपास पुलिस की हलचल सुबह से ही थी। इसी के चलते गोपन्ना के अधिवक्ता अरविंद चौधरी ने सीजीएम कोर्ट में अपने मुवक्किल को पुलिस से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की अर्जी लगाई। इसके बाद सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका में अदालत को बताया कि पुलिस पीछा कर रही है। मुवक्किल को गैर जमानती मामले में आरोपी बनाया जा सकता है। शाम को गोपन्ना अदालत से निकले तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
जानकारी मिली तब कराई वारंट की तामीली
एसपी बीजापुर केएल ध्रुव के अनुसार गोपन्ना कौन है और कहां है इसकी जानकारी नहीं थी। बासागुड़ा इलाके में गोपन्ना के खिलाफ आगनजी, हत्या व लूटपाट के मामले दर्ज हैं। इधर इलाके में उसकी तलाशी जारी थी। जब यह जानकारी मिली कि गोपन्ना नाम के व्यक्ति की रिहाई हो रही है और वो इस इलाके में सक्रिय रहा है तो इस वारंट को तामील किया गया है। वारंट तामीली में देरी को लेकर जिम्मेवार कर्मचारियों से पड़ताल की जा सकती है।
सात साल में वारंट की तामीली क्यों नहीं?
अधिवक्ता अरविंद चौधरी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि जब सात साल से गोपन्ना प्रदेश की विभिन्नि जेल में बंद रहा और तेरह मामलों की अदालत में सुनवाई चल रही थी। तब उसके खिलाफ निकाले गए वारंटों की तामीली क्यों नहीं कराई गई? ऎसा नहीं करके रिहाई कुछ घंटो के बाद अचानक वारंट की तामीली का हवाला देना मेेरे मुवक्किल को परेशान करने वाली बात है।
गरियाबंद से हुई थी गोपन्ना की गिरफ्तारी
गोपन्ना मूलत: तेलंगाना के वारंगल इलाके का रहने वाला है। उसका पूरा नाम जी गोपन्ना रेaी (53) पिता गोपी रेaी है। इनके परिवार में माता पिता की जानकारी नहीं है। उसके भाई बहन को अधिवक्ता ने रिहाई की जानकारी दी थी। इसके बाद वे वारंगल से रवाना हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि गरियाबंद इलाके में 2007 में पुलिस के हत्थे चढ़ा था। पुलिस के अनुसार गोपन्ना दण्डकारण्य जोनल कमेटी का सक्रिय सदस्य था और कई बड़े वारदातों को अंजाम दिए जाने का मामला था। गोपन्ना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने उसे हार्डकोर माओवादी साबित करना चुनौती था। आखिर में हत्या, लूटपाट, फायरिंग, पुलिस पार्टी पर हमले जैसे कुल 13 मामलों में गोपन्ना के खिलाफ अलग-अलग जिलों के न्यायालय में मुकदमा चल रहे थ्ेा। एक एक कर न्यायालय ने पुलिस के कमजोर डायरी और केस में गवाहों व साक्ष्यों के अभाव में गोपन्ना को बरी किया। सोमवार को दंतेवाड़ा के फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश सिद्धार्थ धनेश्वरी ने धारा 307 के मामले में गोपन्ना को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस बीच गोपन्ना रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में रहा। मंगलवार को रिहाई का ऑर्डर लेकर उनके अधिवक्ता अरिविंद चौधरी सेन्ट्रल जेल पहुंचे।
आज कोर्ट में होगा पेश
बीजापुर एसपी ने गोपन्ना नाम के व्यक्ति के खिलाफ छह वारंट होने की बात कही है। इसके आधार पर ही पुलिस वारंट तामील कर रही है। पुलिस ने गोपन्ना को हिरासत में लिया है। गोपन्ना को न्यायालय के समक्ष बुधवार को पेश किया जाएगा।
एसआरपी कल्लूरी, आईजी बस्तर रेंज
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