दंतेवाड़ा में युवक और मंगेतर को नक्सली बताकर पुलिस ने मार डाला!
Created By : नेशनल दस्तक ब्यूरो
Date : 2017-01-31
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दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा पुलिस पर एक बार फिर फर्जी इनकाउंटर का आरोप लगा है। रविवार को पुलिस ने हिरोली-पुरंगल के जंगल में एक महिला सहित दो नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था। जबकि मृतक के भाई का कहना है कि पुलिस ने उनके भाई और उसकी मंगेतर को किरंदुल बाजार से लौटते वक्त पकड़ा कर फर्जी इनकाउंटर में मार दिया। मृतक के भाई ने नेशनल दस्तक को खास बातचीत में बताया कि पुलिस उस पर अपने भाई को नक्सली बताने के लिए लगातार दवाब डाल रही है।
मृतक के भाई का आरोप है कि पुलिस ने उसके भाई और उसकी साली को मार दिया, उसका भाई (भीमा) और साली (सुकमति) शनिवार को बाजार के लिये निकले थे बाजार से सामान लेकर लौटते समय रास्ते से पुलिस वाले दोनों को अपने साथ ले गये। दंतेवाड़ा पुलिस ने शनिवार रात तक दोनों को कहां रखे थे यह बामन कड़ती का सवाल है, रविवार सुबह 9 बजे दोनों की लाश सौंपते है, बामन कड़ती कहता है कि हमारे घर का पता किसने दिया, शनिवार को पकडे़ दोनों को क्यों मार दिया, मेरा भाई खेती कर परिवार चलाता है मां की देखभाल करता है और मैं यहां किरंदुल में एनएमडीसी में लेबर हूं यहां रहता हूं।
मृतक के भाई के मुताबिक पुलिस वाले मुझसे मेरे भाई को नक्सली है कहने कह रहे हैं। मैं अपने भाई को नक्सली क्यों कहूं जबकि ऐसा कुछ भी नही है। पुलिस वाले मेरे भाई की तरह ही बस्तर के आदिवासियों को मार रहे हैं। क्या कहीं ऐसा होता है। पुलिस कहती है कि मेरे भाई से बहुत सारी दवाईयां, पिस्टल, रायफल मिला है, जबकि ऐसा कुछ भी नही है मेरी साली सुकमति जिसका ब्याह होने वाला था साथ गई थी उसको भी मार दिया। दोनों मेरे घर आये थे मेरी पत्नी से मुझे पूछा, मेरी पत्नी ने खाना खाने के लिये बोली लेकिन बाद में खाऊँगा कहकर वे बाजार चला गया।
पोस्टमार्टम के सवाल पर बामन ने कहा कि पोस्टमार्टम पहले से करवा कर लाये थे....मेरी साली साड़ी पहने हुई थी लेकिन फ्राक पहना दी गई है सर...मेरा भाई दूसरा कपड़ा पहना था...क्या ऐसे ही मारा जायेगा हमें...???ऐसा रहा तो हम सब कहां रहेंगे। वहीं मृतक के परिजनों ने अभी तक दोनो का अंतिम संस्कार भी नहीं किया है, उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता तब तक वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
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