कोई सर्वशक्तिमान नही है, न रमन सिंह और न एसआरपी कल्लूरी .देश में संविधान और कानून का राज चलेगा उनकी दादागिरी नहीं ./
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आज कल रोज कोई न कोई कोर्ट छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार से बस्तर में फर्जी मुडभेड की दरियाफ़्त कर रहे है .
जहां आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोण्डागांव के गाँव में बाल सिंह की मुडभेड में मौत पर चीफ सैकेट्री ,पुलिस डीजी और बस्तर आई जी को नोटिस जारी किया वही दूसरी ओर मडकाम हिडमें की कथित हत्या और बलात्कार के मामले में पूरी जांच दिसम्बर तक पूरी करने के निर्देश दिये ,और आज ही दंतेवाड़ा कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस ने दस्तावेज़ पेश करने के लिये समय की मांग की तो कल ही हिमांशु कुमार के साथी कोपा कुंजाम को सात साल बाद नक्सली और हत्या के आरोप से निर्दोश मान कर बरी कर दिया.
मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर बस्तर आई जी कल्लूरी और मुख्यसचिव को जनवरी 17 में हाजिर होने के लिये कहा है.
अभी दो महीने पहले ही नंदनी सुन्दर आदि पर हत्या का केस दर्ज करने पर सुप्रीमकोर्ट में गलत सिद्ध हुई है .
अभी तक छत्तीसगढ़ में जितने भी आदिवासियों और अन्य पर झूठे और परेशान करने वाले प्रकरण दर्ज किये है उसमें से 99 फीसदी में आरोपी रिहा हुये है और पुलिस अपनी कहानी सही सिद्ध नहीं कर पाई है .
पुलिस और छत्तीसगढ़ शासन को पता नहीं कब समझ आयेगा कि भारत में कानून और संविधान का राज है ,इसमें उनकी मनमर्जी नहीं चलेगी .
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आज कल रोज कोई न कोई कोर्ट छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार से बस्तर में फर्जी मुडभेड की दरियाफ़्त कर रहे है .
जहां आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोण्डागांव के गाँव में बाल सिंह की मुडभेड में मौत पर चीफ सैकेट्री ,पुलिस डीजी और बस्तर आई जी को नोटिस जारी किया वही दूसरी ओर मडकाम हिडमें की कथित हत्या और बलात्कार के मामले में पूरी जांच दिसम्बर तक पूरी करने के निर्देश दिये ,और आज ही दंतेवाड़ा कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस ने दस्तावेज़ पेश करने के लिये समय की मांग की तो कल ही हिमांशु कुमार के साथी कोपा कुंजाम को सात साल बाद नक्सली और हत्या के आरोप से निर्दोश मान कर बरी कर दिया.
मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर बस्तर आई जी कल्लूरी और मुख्यसचिव को जनवरी 17 में हाजिर होने के लिये कहा है.
अभी दो महीने पहले ही नंदनी सुन्दर आदि पर हत्या का केस दर्ज करने पर सुप्रीमकोर्ट में गलत सिद्ध हुई है .
अभी तक छत्तीसगढ़ में जितने भी आदिवासियों और अन्य पर झूठे और परेशान करने वाले प्रकरण दर्ज किये है उसमें से 99 फीसदी में आरोपी रिहा हुये है और पुलिस अपनी कहानी सही सिद्ध नहीं कर पाई है .
पुलिस और छत्तीसगढ़ शासन को पता नहीं कब समझ आयेगा कि भारत में कानून और संविधान का राज है ,इसमें उनकी मनमर्जी नहीं चलेगी .
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