Monday, January 30, 2017

सुकमी और भीमा को बाजार से लौटते समय पुलिस ने की हत्या , नक्सली कहने का दबाव बना रही है पुलिस - भीमा के भाई बामन का आरोप .







सुकमी और भीमा को  बाजार से लौटते समय पुलिस ने की हत्या  , नक्सली कहने का दबाव बना रही है पुलिस - भीमा के भाई बामन का आरोप .
एसपी ने कहा कि आरोप लगाने वालों के है नक्सलियों से संबंध .
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31.01.2017

दंतेवाड़ा / रविवार को हिरोली के जंगल में एक महिला सहित दो नक्सलियों के मार गिराने का दावा पुलिस ने किया था .जबकि मारे गये भीमा के भाई बामन ने आरोप लगाया कि सुकती और भीमा किरंदुल के बाज़ार में सामान खरीदारी करने गये थे ,तब रास्ते में उन्हें पुलिस ने गोली मार दी और कहा कि वे दोनों नक्सली थे.
सुकती की उम्र 13 साल की थी और अगले महीने उसकी शादी होने वाली थी ,भीमा और सुकती के पिता नही है .
सामाजिक कार्यकर्ता मंगल ने कल ही दावा किया था
" दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र में माओवादी को मार गिराने के नाम फिर एक फर्जी  मुठभेड़ किरंदुल बाज़र से साईकिल में वापिस जा रहे गमपुड़ गांव के रहने वाले सुकमति हेमला और भीमा कड़ती को हिरोली के जंगल में पकड़ कर एंकॉउंटर किये अभी तक साईकिल का पता नही दोनों के पिता नही और लड़की की मांगनी हो गयी थी इस साल सादी होने वाली थी ,भीमा कड़ती के बड़े भाई बमान कड़ती किरंदुल में ठेका मज़दूरी कर रहा है, भीमा के भाई
 बमान केद्वारा यहाँ पूरी जानकारी दी गई है "

भीमा के भाई ने आज यह जानकारी दी कि पुलिस उसे यह दबाव बना रही हि कि में अपने भाई को नक्सली बता रहा था .
बामन कडती (बडा भाई) कहता है कि ,
पुलिस मेरे भाई को नक्सली था कहो कहती है...,मेरे भाई को मार दिया .
मैं क्यों कहूंगा....बामन कड़ती
तुमने अपने भाई के नक्सली होने का रिपोर्ट लिखवाया है न....दंतेवाड़ा पुलिस

अभी भीमा कड़ती के भाई बामन कड़ती से फोन पर बात  किया...उनका आरोप है कि मेरे भाई और साली सुकमति को पुलिस ने मार दिया,भीमा और सुकमति शनिवार को बाजार के लिये निकले थे बाजार से सामान लेकर लौटते समय रास्ते से पुलिस वाले दोनों को ले गये,.
दंतेवाड़ा पुलिस शनिवार रात तक दोनों को कहां रखे थे यह बामन कड़ती का सवाल है
,रविवार सुबह 9 बजे दोनों की लाश सौंपते है, बामन कड़ती कहता है कि हमारे घर का पता किसने दिया,शनिवार को पकडे़ दोनों को क्यों मार दिया,मेरा भाई खेती कर परिवार चलाता है, मां की देखभाल करता है और मैं यहां किरंदुल में एनएमडीसी में लेबर हूं.
 यहां रहता हूं, पुलिस वाले मुझसे मेरे भाई को नक्सली है, कहने कह रहा है मैं अपने भाई को नक्सली क्यों कहूं जबकि ऐसा कुछ भी नही है.
मेरे भाई को और ऐसे ही बस्तर के आदिवासियों को मार रहे हैं,क्या कहीं ऐसा होता है,पुलिस वाले मेरे भाई से बहुत सारी दवाईयां, पिस्टल, रायफल मिला है कहता है ,जबकि ऐसा कुछ भी नही है .
मेरी 13 साल की साली सुकमति जिसका ब्याह होने वाला था साथ गई थी उसको भी मार दिया,दोनों मेरे घर आयें थे मेरी पत्नी से मुझे पूछा,मेरी मिसेज ने खाना खाने के लिये बोली लेकिन बाद में खाऊँगा कहकर बाजार चला गया, मेरी पत्नी ने सायकिल से आया था बताई थी लेकिन सायकिल अभी तक नही मिला है.

पोस्टमार्टम के सवाल पर बामन ने कहा कि पोस्टमार्टम पहले से करवा कर लायें थे....मेरी साली साड़ी पहने हुई थी लेकिन फ्राक पहना दी गई है .सर...मेरा भाई दूसरा कपड़ा पहना था...क्या ऐसे ही मारा जायेगा हमें...???
ऐसा रहा तो हम सब कहां रहेंगे ?
दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र में माओवादी को मार गिराने के  नाम  फिर एक फर्जी मुठभेड़ किरंदुल बाजार से साईकिल में  वापिस जा रहे गमपुड़ गांव के रहने वाले सुकमति हेमला और भीमा कड़ती को हिरोली के जंगल में पकड़कर फर्जी एन्काउंटर किया गया....
जबकि पुलिस का आरोप है कि इनके घरवालों ने ही पहले इसे नक्सली बताया था ,एसपी दंतेवाड़ा का कहना है कि आरोप लगाने वालों के सबंध नक्सलियों से है इसलिए पुलिस पर झूठे आरोप लगा रहे  है .
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31.01.2017


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