वीडियो : सरकार के संरक्षण में पनप रहा नक्सलवाद : देवती कर्माUpdated: Wed, 26 Apr 2017 08:02 PM (IST)
विधायक देवती कर्मा ने सुकमा घटना में शहीद जवान और परिवार के सहानुभूति जताते सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
दंतेवाड़ा। झीरम घटना में शहीद महेंद्र कर्मा की पत्नी और विधायक देवती कर्मा ने सुकमा घटना में शहीद जवान और परिवार के सहानुभूति जताते सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। विधायक कर्मा ने सीधे सीएम रमन सिंह का नाम लेते कहा कि वे चाहें तो एक सेकेंड में नक्सल समस्या का समाधान हो सकता है। लेकिन वे नक्सलवाद को खत्म करने की बजाए संरक्षण दे रहे हैं। विधायक ने गंभीर लगाते कहा कि नक्सलियों को हथियार से लेकर सुई-धागा तक सरकार सप्लाई कर रही है। नक्सल उन्मूलन के पैसे को जवान और पीड़ितों तक पहुंचाने की बजाए अपने पॉकेट में डाल रहे है।
बुधवार को 'नईदुनिया" से चर्चा के दौरान विधायक के चेहरे पर नक्सली और सरकार के विरूद्ध आक्रोश स्पष्ट नजर आया। उन्होंने बेबाकी के साथ कहा कि नक्सलवाद को सरकार संरक्षण दे रही हैं। सरकार चाहे तो क्षेत्र से नक्सलवाद समूल नष्ट हो जाएगा। लेकिन सरकार और उसके नुमाइंदे ऐसा नहीं चाहते। इसके चलते आए दिन नक्सलियों का तांडव बढ़ता जा रहा है।
सरकार और नक्सली मिलकर निरीह जनता और जवानों को मार रहे हैं। नक्सल उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाने में सरकार नाकाम है और बयानबाजी में अपना समय जाया कर रही है। सीएम डॉ. रमन सिंह के नाम का उल्लेख करते विधायक देवती कर्मा ने कहा कि नक्सली समस्या समाधान के लिए मिल रहे रूपए का सही उपयोग करने की बजाए अपनी पॉकेट में डाल रहे हैं।
जवान और आदिवासियों को उनके हाल में जंगल में छोड़ दिया है। स्थानीय युवाओं को सुविधाएं और रोजगार नहीं मिलने से वे मजबूरी में नक्सलवाद का दामन थाम रहे हैं। बड़ी-बड़ी बातें कहने वाले सीएम बेरोजगार युवाओं के लिए कुछ भी करने में असमर्थ है। उन्होंने एनएमडीसी में बाहरी लोगों के घुसपैठ और नौकरी पर भी सवाल उठाते कहा कि यहां के वाशिंदे बेरोजगार हैं और खदान का लाभ बाहरी लोग ले रहे हैं। यहां भी देवती कर्मा ने आक्रोश जताते कहा कि एनएमडीसी प्रोजेक्ट हमारा है, इस पर जनता का अधिकार है।
नक्सल दंश का दर्द मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है
शहीद के प्रति श्रद्धानवत विधायक देवती कर्मा ने कहा कि नक्सल दंश का दर्द मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है। रायपुर-दिल्ली के एयरकूल्ड कमरे में बैठने वाले नेता और अधिकारी केवल कागजी बात करते हैं। जवान जनता और देश की रक्षा करते जंगलों में दिन-रात बिता रहे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। इसके चलते ही क्षेत्र की जनता और जवानों को रोज बलि की वेदी में चढ़ाना पड़ता है।
नेता और अधिकारी श्रद्धाजंलि और कागजी संवेदना व्यक्त करने के अलावा कुछ नहीं करते। मैदानी परिस्थितियों और परेशानियों को यहां रहने वाला ही समझता है। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ते मैंने अपने पति सहित परिवार के तीन दर्जन से अधिक लोगों को खो दिया है। विधायक देवती कर्मा ने शहीद जवान और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते कहा कि ऐसे मां-बाप और जवानों को हजारों सलाम, जो हमारी रक्षा में दिन-रात जुटे हैं।
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