डीजीपी को एनएचआरसी का नोटिस सुकमा के चिंतागुफा का मामला, आदिवासी परिवार के साथ अत्याचार ,पुलिस ने पीड़ित लड़की का बयान बदलवाया
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रायपुर(realtimes)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बस्तर के सुकमा जिले में मानवाधिकार हनन के एक मामले में छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नेटिस भेजा है। 2 अप्रैल को सुकमा जिले के चिंतागुफा क्षेत्र में एक घर में घुसे पुलिस एवं सीआरपीएफ के जवानों द्वारा एक परिवार से मारपीट व प्रताड़ना की शिकायतों के साथ एक 15 वर्षीय लड़की से गंभीर बदसलुकी के इस मामले की शिकायत भारतीय महिला फेडरेशन तथा दिल्ली की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर सहित कुछ अन्य लोगों ने की थी। यह मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब राज्य पुलिस पहले ही मानवाधिकार के गंभीर उल्लंघन के आरोप में राष्ट्रीय आयोग के कटघरे में है।आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव को भी नोटिस भेजा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 11 अप्रैल को यह नोटिस जारी किया है। यह घटना सुकमा जिले के पटेल पारा की है। 2 अप्रैल को तड़के 4 बजे पुलिस व सीआरपीएफ के लोग एक घर में गए थे। पुलिस के घर में रहने वाले एक युवक की तलाश थी, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने घर में सो रही लड़के की 15 साल की बहन व उसकी मां से मारपीट व गंभीर बदसलूकी की। आरोप हैं कि लड़की के साथ रेप किया गया। लेकिन दूसरी ओर यह जानकारी भी आ रही है कि लड़की ने पुलिस के दबाव में बयान बदल दिया है। सूत्रों के अनुसार मामला सामने आने के बाद से पुलिस ने लड़की व उसकी मां को अपने कब्जे में कर लिया है। इसके बाद से लड़की ने बयान बदला है। यह बात मामला उठाने वाले संगठनों के लोग कह रहे है।
आयोग के कटघरे में राज्य पुलिस
हाल ही में यह दूसरा मामला है जब राज्य पुलिस मानवाधिकार आयोग के कठघरे में आई है। इससे पहले बस्तर के कुछ जिलों में 17 आदिवासी महिलाओं के साथ अनाचार के आरोप में पुलिस व केंद्रीय बल आरोप के कटघरे में है। इस मामले का जवाब देने में राज्य पुलिस की आयोग के सामने बड़ी किरकिरी हुई थी। बस्तर में पुलिस प्रशासन में बदलाव के बाद भी हालात बदलते नजर नहीं आ रहे हैं।
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New Delhi, India
NHRC notices to the Director General of Police, Chhattisgarh and Union Home Secretary over allegations of rape by CRPF/Police personnel in Sukma district of Chhattisgarh (11.04.2017)
PRESS RELEASE
New Delhi, 11th April, 2017
The National Human Rights Commission has issued notices, returnable within four weeks, to the Director General of Police, Chhattisgarh and the Union Home Secretary over allegations that on the 2nd April, 2017 at 04.00 a.m. some un-indentified CRPF/Police personnel entered a house at Patel Para of Chintagufa Village in district Sukma of Chhattisgarh looking out for a man said to be a member of Sangham. They dragged out the 15 year old sister of the man and raped her.
Allegedly, they also severely beat her family members when they tried to rescue the girl. The victim and her mother are being kept in custody by the police and pressure is being mounted upon the victim to change her statement. The reporter of the newspaper, who had reported the incident, is also allegedly being questioned. Reportedly, the police authorities have denied the allegations saying that these have been leveled with an intention to defame and demoralize the police force.
The Commission has observed that the allegations, if true, raise an issue of violation of human rights. The CRPF/Police personnel are public servants to protect the citizen's rights and not to violate them. The perpetrators are required to be booked under law. There is extreme need to provide protection and proper counselling along with relief and rehabilitation to the victim and her family members.
The Commission took cognizance of the matter on the basis of news clippings and the copies of the complaints by the victim's mother to the SP and by Bhartiya Mahila Federation, Sukma to District Collector, brought to its notice by Ms. Nandani Sundar, Professor, Department of Sociology, University of Delhi seeking its intervention.
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