Saturday, April 15, 2017

300 एसपीओ को अब तक नहीं मिला योग्यता का लाभ

300 एसपीओ को अब तक नहीं मिला योग्यता का लाभ
आईजी से नहीं मिल पाए जुडुम कार्यकर्ता
चेहरे पर निराशा
उपेक्षाः १२ साल पहले गांव छोड़ चुके ग्रामीण सुविधाओं से वंचित




जगदलपुरनईदुनिया प्रतिनिधिि;/ॅ।;ॅ।१२ साल पहले बीजापुर जिला के जिन ग्रामीणों ने स्व स्फूत नक्सलियों का विरोध करते हुए सलवा जुडुम आन्दोलन को खड़ा किया था वे ही पुलिसिया कोताही से परेशान हैं इनमें से कई एसपीओ को बिना कारण बिठा दिया गया, वहीं कई एसपीओ से दो साल तक काम लेने के बाद वेतन भी नहीं दिया गया है शुक्रवार को बारह गांवों के परेशान जुडुम कार्यकर्ता आप नेत्री सोनी सोरी के नेतृत्व में आईजी बस्तर से मिलने जगदलपुर पहुंचे थे लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई वर्ष २००६ में दक्षिण बस्तर के तत्कालीन कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी के आर पिस्दा ने भारतीय पुलिस अधिनियिम १८६१ की धारा १७ के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ग्राम जारगोया, धनोरा, कोतापाल, एरमनार, चेरकंटी, चिलनार, पापनपाल, धर्मापुर, रामाजुमे , मोरपे़ट, चेरपाल, बीजापुर और संजयनगर के ग्रामीण युवक- युवतियों को अस्थायी तौर पर एसपीओ बनाया था वहीं इन्हे दिए गए नियुक्ति पत्र में कहा गया था कि नियुक्त विशेष पुलिस अधिकारियों को छग शासन गृह विभाग द्वारा समय- समय पर जारी निर्देशों के तहत दी जाने वाली सुविधाओं व मानदेय पुलिस अधीक्षक बीजापुर के माध्यम से देय होगीउपरोक्त गांवों के सलवा जुडुम कार्यकर्ता और एसपीओ सुरक्षा के हिसाब से बीजापुर के शांतिनगर, विजयनगर, तहसीलपारा और राऊतपारा के किराए के मकानों में रहते हैं आप नेत्री सोनी सोरी के साथ सभी आईजी कार्यालस पहुंचे थे सोनी सोरी ने बताया कि बीजापुर क्षेत्र के करीब ३०० जुडुम कार्यकर्ता अपनी नियुक्ति और अप्राप्त मानदेय को लेकर परेशान हैं इनकी समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा के लिए आई जी बस्तर पी सुन्दराज से समय लिया गया था शुक्रवार की सुबह सभी ग्रामीण आईजी से मिलने १६० किमी दूर बीजापुर से निकल चुके थे और गीदम पहुंच चुके थे तभी आईजी कार्यालय से फोन आया कि जरूरी काम से आईजी साहब बाहर जा रहे हैं, इसलिए वे आज किसी से नहीं मिल पाएंगे इधर तरणताल के पास एकत्र हुए सलवा जुडुम कार्यकर्ता और एसपीओ ने मीडिया को बताया कि सलवा जुडुम कार्यकर्ता को ही एसपीओ बनाया गया था परन्तु बिना कारण बताए कई लोगों को बिठा दिया गया है, वहीं कई एसपीओ को दो साल का मानदेय भी नहीं दिया है ऐसे ३०० युवक- युवती २००९ से बीजापुर पुलिस कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी वहां कोई नहीं सुन रहा है, इसलिए वे आईजी से मिलने आए थेबीजापुर क्षेत्र से आए सलवा जुडुम कार्यकर्ताफोटोःनईदुनियाबैदरगुड़ा निवासी वतकम्मा नाग को भी वर्ष २००६ में एसपीओ बनाया गया था इसका विशेष पुलिस अधिकारी क्रमांक १६५ है वतकम्मा भी अपने बेटा शशांक के साथ जगदलपुर पहुंची है उसने बताया कि वर्ष २०११ में सहायक आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के ठीक १७ दिन पहले उसकी डिलवरी हुई थी , इसके चलते उसने मातृत्व सुविधा लाभ के तहत शारीरिक दक्षता परीक्षा छूट मांगी थी, लेकिन उसे यह सुविधा नहीं दी गई, इसलिए वह दौड़ के अलावा लंबी कूद - ऊंची कूद में भी हिस्सा ली इस दौरान उसके टांके टूट गए और खून बहने लगा इस बात की जानकारी उपस्थित पुलिस अधिकारियों को भी दी, लेकिन कोई कार्रवाई उसके पक्ष में नहीं हो पाई वर्ष २०१२ से लगातार अधिकारियों को पत्र लिख रही है परन्तु महिला एसपीओ होने के बावजूद उसे न्याय नहीं मिल पाया है इधर उसके बेरोजगार पति को पुलिस वाले ही दो- तीन बार पकड़ कर प्रताड़ित कर चुके हैं आईजी साहब के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करने आई थी परन्तु उनसे मुलाकात नहीं हो पाईवतकम्मा नाग अपने बेटे के साथ

NAIDUNYA ,15-04-2017 JAGDALPUR 

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