हाड़ कंपकपा देने वाली ठंड में यहां के आदिवासियों की हालत देख सिहर उठेंगे आप
2016-12-26 14:44:39
कड़ाके की ठंड का मुकाबला
यहां हाड़ कंपा देने वाली हवा और 5.4 डिग्री पर गिरे तापमान में जब लोग हीटर और रजाई के साथ घरों में दुबके होते हैं तो अंबिकापुर के मैनपाट में एक दुनिया ऐसी भी है, जहां लोग मवेशियों के बीच पुआल से कड़ाके की ठंड का मुकाबला करते हैं। हर कोई उस पुआल से सर्दी से दो-दो हाथ करता दिखता है। यहां के मांझी आदिवासियों को मवेशियों के बीच पुआल (पैरा) में सोते देखकर एकबारगी आप भी सिहर उठेंगे।विकास पथ पर अग्रणी होने का दंभ भर रहे राज्य में इनकी स्थिति अब भी जस की तस है और वे गरीबी के चलते रोटी-कपड़ा और मकान जैसी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। मैनपाट के सभी 39 पंचायतों में रहने वाले करीब 20 हजार मांझी आदिवासियों की खस्ता माली हालत सरकारी योजनाओं पर सवाल उठाती नजर आती हैं।
हाड़तोड़ मजदूरी के बाद रात में उन्हें सर्दी के सितम से भी रोजाना इसी तरह सामना करना होता है। रविवार को यहां का तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कई बार शून्य तक भी चला जाता है। इसके अलावा इन पुआलों में जहरीले जीव-जंतुओं के काटने और आगजनी जैसी घटनाओं का भी खतरा बना रहता है।
उत्तरी हवाओं से और गिरेगा तापमान
शनिवार व रविवार के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं था, लेकिन फिर भी रात में ठिठुरन वाली ठंड जारी है। रविवार को प्रदेश में सबसे कम तापमान 9 डिग्री अंबिकापुर, जगदलपुर और राजनांदगांव में दर्ज किया गया। वहीं, इस दिन प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान 14 डिग्री था। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, आने वाले दिनों में बस्तर व अंबिकापुर संभाग में कड़ाके की ठंड पडऩे की संभावना है।उत्तरी बर्फीली हवाओं के कारण यहां का तापमान और गिरेगा। इससे इन क्षेत्रों में शीत लहर के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिक उमेश राय के अनुसार, जल्द ही पश्चिमी विक्षोभ बनने की संभावना है, इसके असर से प्रदेश में ठंड और बढ़ेगी।
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