कोरबा: छात्रा की कथित यौन प्रताड़ना के बाद तनाव
- 25 मिनट पहले
छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले में कुछ हिंदू और ईसाई संगठनों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.
कोरिया ज़िले के सरभोक्ता नागपुर स्थित एक स्कूल के छात्रावास में गुरुवार को नौ साल की एक बच्ची के साथ कथित यौन प्रताड़ना की घटना हुई है.
पुलिस के अनुसार आरोप लगाया गया है कि ईसाई संगठन द्वारा संचालित ज्योति मिशन स्कूल में बच्ची के साथ वहां की एक महिला कर्मचारी ने यौन प्रताड़ना की.
पुलिस का ये भी आरोप है कि इस मामले में प्राचार्य और हॉस्टल वार्डन ने भी कथित तौर पर लापरवाही बरती.
इसके बाद पुलिस ने स्कूल के प्राचार्य फॉदर जोसफ धन्ना स्वामी, सिस्टर क्रिस्टा मारिया और हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
लेकिन मामला शांत होता नज़र नहीं आ रहा है. हालाँकि कोरिया ज़िले के पुलिस अधीक्षक बीएस ध्रुव का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.
पुलिस अधीक्षक कहते हैं, “चर्च और गिरजाघर पर हमले के सिलसिले में भी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है. दोषियों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा.”
चर्च का सांप्रदायिक ताकतों पर आरोप
अंबिकापुर इलाक़े के बिशप पतरस मिंज का कहना है, "हमारे लोगों की गिरफ्तारियां असल में सांप्रदायिक ताकतों और नेताओं के दबाव में आ कर की गई कार्रवाई है."
बच्ची से कथित यौन प्रताड़ना के मामले में बजरंग दल ने कई जगह प्रदर्शन किया है.
शुक्रवार को कोरिया ज़िले के कई इलाके पूरी तरह से बंद रहे. चिरमिरी और नागपुर इलाके में लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया.
शनिवार को भी महिला संगठनों ने रैली निकाली और प्रदर्शन किया. इस बीच कोरबा ज़िले में एक चर्च में भी अज्ञात लोगों ने तोड़फोड़ की है.
ईसाई संगठनों की चिंता
पड़ोसी ज़िले जशपुर और सरगुजा में ईसाई संगठनों ने लगातार बैठक कर के इस तरह की घटनाओं पर चिंता जताई है.
शनिवार की शाम को अंबिकापुर में इसी तरह की एक बैठक के बाद विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गया कि सरगुजा में अब ईसाई समुदाय के लोग गैर ईसाई दुकानदार से किसी तरह का सामान नहीं ख़रीदेंगे.
हालांकि इसके बाद अंबिकापुर महागिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर विलियम उर्रे ने इसका खंडन करते हुए इस तरह के फ़ैसले की बात से इंकार किया है.
No comments:
Post a Comment