सन दो हज़ार ग्यारह मार्च के महीने मे करीब 4OO सुरक्षा बल के सैनिकों और पुलिस वालों ने छत्तीसगढ़ के ताड़मेटला, तिम्मापुरम और मोरपल्ली गांव पर हमला किया ၊
सरकार चाहती थी कि गांव में रहने वाले आदिवासी गांव छोड़ कर भाग जायें ၊
सरकार ज़मीन छीन कर उद्योगपतियों को देना चाहती है ၊
आदिवासी पुलिस के हमले से जान बचाने के लिये जंगल में भागे ၊
सुरक्षा बलों नें तीन आदिवासी महिलाओं से बलात्कार किया ၊
पुलिस ने तीन आदिवासियों की हत्या कर दी ၊
पुलिस और सुरक्षा बल गांव में छह दिन तक रहे ၊
गांव से बाहर जाते समय पुलिस ने आदिवासियों के तीन सौ घरों में आग लगा दी ၊
आदिवासियों के घरों में रखा अनाज जला दिया गया ၊
जाते समय पुलिस वाले एक आदिवासी लड़की को साथ में लेकर चले गये ၊
उस लड़की को सारी रात थाने में निवस्त्र रखा और पुलिस वालों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया ।
मुझे गांव वालों ने फोन पर यह सब बताया ၊
मैं उस दिन मुम्बई में था ၊
मैनें इस सब को फेसबुक पर लिख दिया ၊
फेसबुक पढ़ कर दन्तेवाड़ा के कलेक्टर आर प्रसन्ना ने मुझे फोन कर के पूछा कि मेरी बात की सच्चाई का क्या सबूत है ?
मैने कलेक्टर को जवाब दिया कि आप खुद इन गांवों में जाइये और अपनी आंखों से सच्चाई देख लीजिये ၊
और अगर मेरी फेसबुक पोस्ट मे लिखी बात झूठ निकले तो मुझे जेल मे डलवा दीजियेगा ၊
मैने कलेक्टर से यह भी कहा कि थोड़ा अनाज भी साथ में लेकर जाइयेगा ၊
कलेक्टर ने एक ट्रक में राशन पैक कराया और पुलिस द्वारा जलाये हुए गांवों की तरफ बढ़े ၊
उस समय दन्तेवाड़ा का SSP कल्लूरी था ၊
कल्लूरी कम्पनियों का दलाल है ၊
कल्लूरी ने कलेक्टर की गाड़ी गांव के बाहर रास्ते में ही रोक दी ၊
कल्लूरी ने कलेक्टर के सीने पर पिस्तौल रख दी ၊
कल्लूरी ने कलेक्टर द्वारा लाया गया अनाज भी लुटवा दिया ၊
हम ने इस सब के बारे में फिर लिखा ၊
सरकार ने कलेक्टर और कल्लूरी दोनों का ट्रांसफर कर दिया ၊
कलेक्टर ने तुरंत चार्ज दे दिया , लेकिन कल्लूरी ने पद नहीं छोड़ा ၊
मैनें पत्रकारों को फोन किया कि इन गांवों में जाकर आदिवासियों से मिलिये ၊
हिन्दु अखबार से अमन सेठी और नई दुनिया से आनिल मिश्रा आन्ध्र के रास्ते पुलिस से छिप कर इन गांवों में पहुंचे , और रिपोर्ट प्रकाशित करी ၊
बात बिल्कुल सच्ची थी ၊ जैसा मैने लिखा था , वही सब हुआ था ၊
मैने स्वामी अग्निवेश को फोन कर के इस घटना के बारे में बताया ၊ और उनसे इन गांवों में जाकर आदिवासियों के लिये अनाज पहुँचाने के लिये कहा ၊
स्वामी अग्निवेश दिल्ली से फ्लाइट लेकर छतीसगढ़ पहुँचे और अनाज खरीद कर एक गाड़ी में भरवा कर इन पुलिस द्वारा जलाये गये गांवों की तरफ चले ၊
रास्ते में पुलिस ने स्वामी अग्निवेश की गाड़ी को रोक लिया ၊
पुलिस ने कहा कि आपकी जान को खतरा हो सकता है ၊
असल में आगे पुलिस अधीक्षक कल्लूरी गुण्डो और विशेष पुलिस अधिकारियों को शराब पिला कर अवैध हथियारों से लैस होकर इन गांवों की तरफ जाने वाले रास्ते पर खड़े थे ताकि मीडिया तथा सामाजिक कार्यकर्ता इन जलाये हुये गांवों तक ना पहुंच सकें ၊
कुछ देर के बाद स्वामी अग्निवेश ने पुलिस से कहा मुख्यमंत्री को बता दो मैं जलाये हुए गांव में जा रहा हूँ ၊
स्वामी अग्निवेश पत्रकारों के साथ इन गांवों की तरफ बढ़े ၊
गांव के बाहर दोरनापाल गांव में कल्लूरी के गुण्डो और सशस्त्र विशेष पुलिस अधिकारियों ने स्वामी अग्निवेश और पत्रकारों पर हमला कर दिया ၊
भारी पथराव से स्वामी अग्निवेश और पत्रकारों की गाड़ियों के कांच फूट गये ၊
एक बड़ा पत्थर स्वामी अग्निवेश के सर पर पड़ा, लेकिन भारी पगड़ी के कारण वे बच गये ၊
स्वामी अग्निवेश और पत्रकारों को जान बचा कर वापिस आना पड़ा ၊
आदिवासी पत्रकार लिंगा कोड़ोपी दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी कर चुके थे ၊
लिंगा कोड़ोपी ने इन जलाये हुए गांवों में जाने का निश्चय किया ၊
आदिवासी पत्रकार लिंगा कोड़ोपी चुपचाप इन गांवों में गये ၊
लिंगा कोड़ोपी ने वीडियो इंटरव्यु रिकार्ड किये और वापिस दिल्ली आये ၊
हमने पीड़ित आदिवासियों के कुछ इंटरव्यु यूट्यूब पर डाल दिये ၊
इस बात से सरकार डर गई ၊
लिंगा कोड़ोपी वापिस दन्तेवाड़ा गये ၊
पुलिस ने लिंगा कोड़ोपी को गिरफ्तार कर लिया ၊
पुलिस ने मीडिया को बताया कि लिंगा कोड़ोपी को एस्सार के ठेकेदार से नक्सलवादियों के लिये पन्द्रह लाख रुपये लेते समय पकड़ा गया है ၊
लेकिन पुलिस ने लिंगा कोड़ोपी को उनके घर से पकड़ कर ले जाते समय जीप में कहा कि तुम ताड़मेटला के वीडियो यू ट्यूब पर डालते हो ၊ उसका मजा तुम्हें अब चरवायेंगे ၊
आदिवासी पत्रकार लिंगा कोड़ोपी को दन्तेवाड़ा के नये एसपी अंकित गर्ग के निवास पर ले जाया गया ၊
एसपी के घर पर पुलिस वालों ने लिंगा को निवस्त्र कर दिया और लिंगा के मलद्वार में तेल और मिर्च में डूबा हुआ डंडा घुसेड़ दिया ၊
लिंगा की आंत फट गयी ၊ लिंगा को जेल में डाल दिया गया ၊
इसके बाद पुलिस दिल्ली आयी और लिंगा कोड़ोपी की बुआ सोनी सोरी को पकड़ कर छत्तीसगढ़ ले गई ၊
एस पी अंकित गर्ग ने आधी रात को थाने मे आकर सोनी सोरी को निवस्त्र किया , सोनी सोरी को बिजली के झटके दिये और उनके गुप्तांगों में पत्थर के टुकड़े ठूंस दिये ၊
नन्दिनी सुन्दर ने सर्वोच्य न्यायालय को पुलिस द्वारा तीन गांव जलाये जाने की इस घटना की सूचना दी ၊
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस घटना की जांच करने के लिये आदेश दिया ၊
जब सीबीआई इस घटना की जांच के लिये वहाँ गयी तो विशेष पुलिस अधिकारियों ने सीबीआई के अधिकारियों पर हमला कर दिया ၊
सीबीआई ने पुलिस के हमलों से से खुद को बचाने की प्रार्थना की ၊
अब सीबीआई को पुलिस मारे तो उसकी रक्षा करने के लिये सुप्रीम कोर्ट किसे कहे ?
सुप्रीम कोर्ट मे सीबीआई ने इस साल जवाब दिया है कि हाँ वहाँ घर जलाने हत्या और बलात्कार की घटनायें तो हुई है ၊
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि क्या जिस दिन पुलिस गांव में गई थी उस दिन बलात्कार और घर जलाने की घटनायें हुई हैं ?
सीबीआई ने 2 अगस्त 2O16 को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया कि हाँ जिस दिन पुलिस गांव में गई थी उसी दिन आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार हुए हैं ၊
लेकिन चूंकि गांव के लोग आशिक्षित है इसलिये बलात्कार किसने किये , हमें नहीं पता ၊
यानी हमें आदिवासियों पर राज तो करना है , लेकिन उनकी भाषा जानने की ज़रूरत भी भारत को नही है ၊
मतलब आदिवासी बलात्कार पीडित महिला की बात इसलिये नहीं सुनी जायेगी क्योंकि प्रधानमंत्री के नीचे काम करने वाली सीबीआई के पास कोई अनुवादक ही नहीं है जो बस्तर की पीड़ित आदिवासी महिला का दर्द दिल्ली के बादशाहों तक पहुंचा दे ၊
अदाणी , अम्बानी , जिन्दल और टाटा के लिये आदिवासियों के गांव जलाना और आदिवासी महिलाओं से बलात्कार करना तुम्हें बहुत मंहगा पड़ेगा , सरकार ၊
हम ना चुप बैठेगें , ना तुम्हें छोड़ेगे ,
लड़ाई जारी रहेगी ၊
हिमांशु कुमार
सरकार चाहती थी कि गांव में रहने वाले आदिवासी गांव छोड़ कर भाग जायें ၊
सरकार ज़मीन छीन कर उद्योगपतियों को देना चाहती है ၊
आदिवासी पुलिस के हमले से जान बचाने के लिये जंगल में भागे ၊
सुरक्षा बलों नें तीन आदिवासी महिलाओं से बलात्कार किया ၊
पुलिस ने तीन आदिवासियों की हत्या कर दी ၊
पुलिस और सुरक्षा बल गांव में छह दिन तक रहे ၊
गांव से बाहर जाते समय पुलिस ने आदिवासियों के तीन सौ घरों में आग लगा दी ၊
आदिवासियों के घरों में रखा अनाज जला दिया गया ၊
जाते समय पुलिस वाले एक आदिवासी लड़की को साथ में लेकर चले गये ၊
उस लड़की को सारी रात थाने में निवस्त्र रखा और पुलिस वालों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया ।
मुझे गांव वालों ने फोन पर यह सब बताया ၊
मैं उस दिन मुम्बई में था ၊
मैनें इस सब को फेसबुक पर लिख दिया ၊
फेसबुक पढ़ कर दन्तेवाड़ा के कलेक्टर आर प्रसन्ना ने मुझे फोन कर के पूछा कि मेरी बात की सच्चाई का क्या सबूत है ?
मैने कलेक्टर को जवाब दिया कि आप खुद इन गांवों में जाइये और अपनी आंखों से सच्चाई देख लीजिये ၊
और अगर मेरी फेसबुक पोस्ट मे लिखी बात झूठ निकले तो मुझे जेल मे डलवा दीजियेगा ၊
मैने कलेक्टर से यह भी कहा कि थोड़ा अनाज भी साथ में लेकर जाइयेगा ၊
कलेक्टर ने एक ट्रक में राशन पैक कराया और पुलिस द्वारा जलाये हुए गांवों की तरफ बढ़े ၊
उस समय दन्तेवाड़ा का SSP कल्लूरी था ၊
कल्लूरी कम्पनियों का दलाल है ၊
कल्लूरी ने कलेक्टर की गाड़ी गांव के बाहर रास्ते में ही रोक दी ၊
कल्लूरी ने कलेक्टर के सीने पर पिस्तौल रख दी ၊
कल्लूरी ने कलेक्टर द्वारा लाया गया अनाज भी लुटवा दिया ၊
हम ने इस सब के बारे में फिर लिखा ၊
सरकार ने कलेक्टर और कल्लूरी दोनों का ट्रांसफर कर दिया ၊
कलेक्टर ने तुरंत चार्ज दे दिया , लेकिन कल्लूरी ने पद नहीं छोड़ा ၊
मैनें पत्रकारों को फोन किया कि इन गांवों में जाकर आदिवासियों से मिलिये ၊
हिन्दु अखबार से अमन सेठी और नई दुनिया से आनिल मिश्रा आन्ध्र के रास्ते पुलिस से छिप कर इन गांवों में पहुंचे , और रिपोर्ट प्रकाशित करी ၊
बात बिल्कुल सच्ची थी ၊ जैसा मैने लिखा था , वही सब हुआ था ၊
मैने स्वामी अग्निवेश को फोन कर के इस घटना के बारे में बताया ၊ और उनसे इन गांवों में जाकर आदिवासियों के लिये अनाज पहुँचाने के लिये कहा ၊
स्वामी अग्निवेश दिल्ली से फ्लाइट लेकर छतीसगढ़ पहुँचे और अनाज खरीद कर एक गाड़ी में भरवा कर इन पुलिस द्वारा जलाये गये गांवों की तरफ चले ၊
रास्ते में पुलिस ने स्वामी अग्निवेश की गाड़ी को रोक लिया ၊
पुलिस ने कहा कि आपकी जान को खतरा हो सकता है ၊
असल में आगे पुलिस अधीक्षक कल्लूरी गुण्डो और विशेष पुलिस अधिकारियों को शराब पिला कर अवैध हथियारों से लैस होकर इन गांवों की तरफ जाने वाले रास्ते पर खड़े थे ताकि मीडिया तथा सामाजिक कार्यकर्ता इन जलाये हुये गांवों तक ना पहुंच सकें ၊
कुछ देर के बाद स्वामी अग्निवेश ने पुलिस से कहा मुख्यमंत्री को बता दो मैं जलाये हुए गांव में जा रहा हूँ ၊
स्वामी अग्निवेश पत्रकारों के साथ इन गांवों की तरफ बढ़े ၊
गांव के बाहर दोरनापाल गांव में कल्लूरी के गुण्डो और सशस्त्र विशेष पुलिस अधिकारियों ने स्वामी अग्निवेश और पत्रकारों पर हमला कर दिया ၊
भारी पथराव से स्वामी अग्निवेश और पत्रकारों की गाड़ियों के कांच फूट गये ၊
एक बड़ा पत्थर स्वामी अग्निवेश के सर पर पड़ा, लेकिन भारी पगड़ी के कारण वे बच गये ၊
स्वामी अग्निवेश और पत्रकारों को जान बचा कर वापिस आना पड़ा ၊
आदिवासी पत्रकार लिंगा कोड़ोपी दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी कर चुके थे ၊
लिंगा कोड़ोपी ने इन जलाये हुए गांवों में जाने का निश्चय किया ၊
आदिवासी पत्रकार लिंगा कोड़ोपी चुपचाप इन गांवों में गये ၊
लिंगा कोड़ोपी ने वीडियो इंटरव्यु रिकार्ड किये और वापिस दिल्ली आये ၊
हमने पीड़ित आदिवासियों के कुछ इंटरव्यु यूट्यूब पर डाल दिये ၊
इस बात से सरकार डर गई ၊
लिंगा कोड़ोपी वापिस दन्तेवाड़ा गये ၊
पुलिस ने लिंगा कोड़ोपी को गिरफ्तार कर लिया ၊
पुलिस ने मीडिया को बताया कि लिंगा कोड़ोपी को एस्सार के ठेकेदार से नक्सलवादियों के लिये पन्द्रह लाख रुपये लेते समय पकड़ा गया है ၊
लेकिन पुलिस ने लिंगा कोड़ोपी को उनके घर से पकड़ कर ले जाते समय जीप में कहा कि तुम ताड़मेटला के वीडियो यू ट्यूब पर डालते हो ၊ उसका मजा तुम्हें अब चरवायेंगे ၊
आदिवासी पत्रकार लिंगा कोड़ोपी को दन्तेवाड़ा के नये एसपी अंकित गर्ग के निवास पर ले जाया गया ၊
एसपी के घर पर पुलिस वालों ने लिंगा को निवस्त्र कर दिया और लिंगा के मलद्वार में तेल और मिर्च में डूबा हुआ डंडा घुसेड़ दिया ၊
लिंगा की आंत फट गयी ၊ लिंगा को जेल में डाल दिया गया ၊
इसके बाद पुलिस दिल्ली आयी और लिंगा कोड़ोपी की बुआ सोनी सोरी को पकड़ कर छत्तीसगढ़ ले गई ၊
एस पी अंकित गर्ग ने आधी रात को थाने मे आकर सोनी सोरी को निवस्त्र किया , सोनी सोरी को बिजली के झटके दिये और उनके गुप्तांगों में पत्थर के टुकड़े ठूंस दिये ၊
नन्दिनी सुन्दर ने सर्वोच्य न्यायालय को पुलिस द्वारा तीन गांव जलाये जाने की इस घटना की सूचना दी ၊
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस घटना की जांच करने के लिये आदेश दिया ၊
जब सीबीआई इस घटना की जांच के लिये वहाँ गयी तो विशेष पुलिस अधिकारियों ने सीबीआई के अधिकारियों पर हमला कर दिया ၊
सीबीआई ने पुलिस के हमलों से से खुद को बचाने की प्रार्थना की ၊
अब सीबीआई को पुलिस मारे तो उसकी रक्षा करने के लिये सुप्रीम कोर्ट किसे कहे ?
सुप्रीम कोर्ट मे सीबीआई ने इस साल जवाब दिया है कि हाँ वहाँ घर जलाने हत्या और बलात्कार की घटनायें तो हुई है ၊
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि क्या जिस दिन पुलिस गांव में गई थी उस दिन बलात्कार और घर जलाने की घटनायें हुई हैं ?
सीबीआई ने 2 अगस्त 2O16 को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया कि हाँ जिस दिन पुलिस गांव में गई थी उसी दिन आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार हुए हैं ၊
लेकिन चूंकि गांव के लोग आशिक्षित है इसलिये बलात्कार किसने किये , हमें नहीं पता ၊
यानी हमें आदिवासियों पर राज तो करना है , लेकिन उनकी भाषा जानने की ज़रूरत भी भारत को नही है ၊
मतलब आदिवासी बलात्कार पीडित महिला की बात इसलिये नहीं सुनी जायेगी क्योंकि प्रधानमंत्री के नीचे काम करने वाली सीबीआई के पास कोई अनुवादक ही नहीं है जो बस्तर की पीड़ित आदिवासी महिला का दर्द दिल्ली के बादशाहों तक पहुंचा दे ၊
अदाणी , अम्बानी , जिन्दल और टाटा के लिये आदिवासियों के गांव जलाना और आदिवासी महिलाओं से बलात्कार करना तुम्हें बहुत मंहगा पड़ेगा , सरकार ၊
हम ना चुप बैठेगें , ना तुम्हें छोड़ेगे ,
लड़ाई जारी रहेगी ၊
हिमांशु कुमार
bahut hi heart wrenching news, feel sad for my people ,,
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