हमें मत सिखाओ तिरंगे और संविधान का सम्मान
***
ओ जनरल डायर,
हमें मत सिखाओ तिरंगे और संविधान का सम्मान.
हमारे ही पूर्वजों ने तिरंगे के लिये अपनी
कुर्बानी दी है .
हमने ही संविधान की रक्षा की और लागू किया.
हमने ही लोकतंत्र , बराबरी और समानता की स्थापना की.
हमारे ही पूर्वजों ने आज़ादी की जंग लडी ,फांसी चढे गोलियाँ खाई और अपना सबकुछ कुर्बान किया.
जिन्होंने लुटेरों के खिल़ाफ़ लड़ कर
अपनी जान दी ,उनकी शहादत को हमारा सलाम ,
लुटेरे शह़ीद नहीं होते .
हमारा ह्रदय परिवर्तन ?
हमारा ह्रदय तो लोगों के लिये धडकता है
तुम्हारा ह्दय है जो दूसरे के खून और लूट
से बज़बज़ाता है .
हम है तो देश है
हम है तो संविधान है
हम है तो यह जल जंगल पहाड़ और संसाधन है
हम है तो भाईचारा और विविधता है
हम है तो हवा पानी और आकाश है
हमसे ही तुम्हारी फौज तुम्हारे असले और तुम्हारा फूला पेट है.
और हां
तुम और तुम्हारे आकाओ ने क्या किया है
आजतक .
जल जंगल जमीन को लूटा
लुटेरों के लठैत बने रहे
आज़ादी के दीवानो को शहीद किया ,फांसी पर लटकाया.
सभ्यता और संस्कृति के रक्षक आदिवासियों की
नस्ल को खतम करने का अभियान चलाया.
नौजवानों को गोलियां मारी
बलात्कार किये
जेलों में सड़ाया हमारे भाई बहनो को
बिना किसी अपराध के.
घरों को जलाया उन्हें लूटा ,गांव के गांव उजा़ड दिये .
हमारा लोहा, हमारा जंगल , हमारा कोयला
पानी ,नदी ,पहाड़ और जीने के सारे संसाधन
लूटने वालों के लिये हमारी ही फौज का स्तेमाल किया.
और तुम हमें पढाते हो देशभक्ति का पाठ.
ओ जनरल डायर ,
तुम्हारे सिर पर , हज़ारों बेगुनाहों का खून है
हज़ारों महिलाओं की बद्दुआ .
हम ही हैं तिरंगे और संविधान के असली वाहक .
तुम और तुम्हारी सरकार तो
लुटेरों की वारिस है .
*****
आई जी एस आर पी कल्लूरी ने तिरंगा यात्रा शरू होते समय अखबारों और दूसरे ग्रुप में सोनी और उनके साथियों पर प्रश्न उठाये थे ,उस समय तो सब व्यस्त थे इसलिए यात्रा से वापस आने के बाद उन्हें जबाब दिया गया।
कल्लूरी की टिपण्णी निम्न है जो किसी दूसरे ग्रुप से ली गई हैं
SRP Kalluri IG bastar
**
Jab ghor naxal samardhak
Tiranga thaam liya
Samvidhan maan liya
Saamajik Ekta Manch ,
AGNI ka tarif kare
Jawano ki shahadat par
Dukh vyakt kare
To blackmailers kya
Karenge? ???
Text books hi likhenge
Tragedy ka.....
*****
हिन्दी अनुवाद
*
.जब नक्सल समथर्क
तिरंगा थाम लिया
संविधान मान लिया
सामाजिक एकता मंच और
अग्नि का तारीफ करें
जवानों की शहादत पर दुख
व्यक्त करें.
तो ब्लेक्मेलर्स क्या करेंगे ????
टेक्सबुक ही लिखेंगे
ट्रेजड़ी का .........
****
एस आर पी कल्लूरी
एक वाटसेप ग्रुप में
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ओ जनरल डायर,
हमें मत सिखाओ तिरंगे और संविधान का सम्मान.
हमारे ही पूर्वजों ने तिरंगे के लिये अपनी
कुर्बानी दी है .
हमने ही संविधान की रक्षा की और लागू किया.
हमने ही लोकतंत्र , बराबरी और समानता की स्थापना की.
हमारे ही पूर्वजों ने आज़ादी की जंग लडी ,फांसी चढे गोलियाँ खाई और अपना सबकुछ कुर्बान किया.
जिन्होंने लुटेरों के खिल़ाफ़ लड़ कर
अपनी जान दी ,उनकी शहादत को हमारा सलाम ,
लुटेरे शह़ीद नहीं होते .
हमारा ह्रदय परिवर्तन ?
हमारा ह्रदय तो लोगों के लिये धडकता है
तुम्हारा ह्दय है जो दूसरे के खून और लूट
से बज़बज़ाता है .
हम है तो देश है
हम है तो संविधान है
हम है तो यह जल जंगल पहाड़ और संसाधन है
हम है तो भाईचारा और विविधता है
हम है तो हवा पानी और आकाश है
हमसे ही तुम्हारी फौज तुम्हारे असले और तुम्हारा फूला पेट है.
और हां
तुम और तुम्हारे आकाओ ने क्या किया है
आजतक .
जल जंगल जमीन को लूटा
लुटेरों के लठैत बने रहे
आज़ादी के दीवानो को शहीद किया ,फांसी पर लटकाया.
सभ्यता और संस्कृति के रक्षक आदिवासियों की
नस्ल को खतम करने का अभियान चलाया.
नौजवानों को गोलियां मारी
बलात्कार किये
जेलों में सड़ाया हमारे भाई बहनो को
बिना किसी अपराध के.
घरों को जलाया उन्हें लूटा ,गांव के गांव उजा़ड दिये .
हमारा लोहा, हमारा जंगल , हमारा कोयला
पानी ,नदी ,पहाड़ और जीने के सारे संसाधन
लूटने वालों के लिये हमारी ही फौज का स्तेमाल किया.
और तुम हमें पढाते हो देशभक्ति का पाठ.
ओ जनरल डायर ,
तुम्हारे सिर पर , हज़ारों बेगुनाहों का खून है
हज़ारों महिलाओं की बद्दुआ .
हम ही हैं तिरंगे और संविधान के असली वाहक .
तुम और तुम्हारी सरकार तो
लुटेरों की वारिस है .
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आई जी एस आर पी कल्लूरी ने तिरंगा यात्रा शरू होते समय अखबारों और दूसरे ग्रुप में सोनी और उनके साथियों पर प्रश्न उठाये थे ,उस समय तो सब व्यस्त थे इसलिए यात्रा से वापस आने के बाद उन्हें जबाब दिया गया।
कल्लूरी की टिपण्णी निम्न है जो किसी दूसरे ग्रुप से ली गई हैं
SRP Kalluri IG bastar
**
Jab ghor naxal samardhak
Tiranga thaam liya
Samvidhan maan liya
Saamajik Ekta Manch ,
AGNI ka tarif kare
Jawano ki shahadat par
Dukh vyakt kare
To blackmailers kya
Karenge? ???
Text books hi likhenge
Tragedy ka.....
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हिन्दी अनुवाद
*
.जब नक्सल समथर्क
तिरंगा थाम लिया
संविधान मान लिया
सामाजिक एकता मंच और
अग्नि का तारीफ करें
जवानों की शहादत पर दुख
व्यक्त करें.
तो ब्लेक्मेलर्स क्या करेंगे ????
टेक्सबुक ही लिखेंगे
ट्रेजड़ी का .........
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एस आर पी कल्लूरी
एक वाटसेप ग्रुप में
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