बस्तर से जवानों ने तीन युवतियों को उठाया, विरोध हुआ तो एक दिन बाद छोड़ा
(पत्रिका)
रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित सुकमा जिले में कुछ दिन पहले आदिवासी युवती मड़कम हिड़मे के मारे जाने के बाद गुरुवार को सुरक्षा बलों की ओर से तीन लड़कियों को उठा लिया , लेकिन बाद में हो-हल्ला होने पर इन दिन बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि ये तीनों लड़कियां मारी गई हिड़मे के पड़ोसी गांव की हैं. ये इंग्रेम कस्बे में लगने वाले बाज़ार से अपने गांव लौट रही थी. रास्ते में सुरक्षा बलों के सिपाहियों नें इन्हे पकड़ लिया।
कुमार के मुताबिक, इसकी सूचना मिलने पर पुलिस पर इन लड़कियों को छोड़ने का दबाव बनाया गया. आखिरकार शुक्रवार को तीनों को पुलिस ने छोड़ दिया। लड़कियों ने रिहा होने के बाद बताया कि पुलिस वाले उन्हें बन्दूक दिखा कर डरा रहे थे. पुलिस वाले कह रहे थे कि अगर चिल्लाओगी तो मार देंगे।
लड़कियों को बाज़ार से उठा कर गाड़ी में डाल कर ले जाकर छतीसगढ़ के कोंटा थाने में रखा गया था. पुलिस वालों नें इन लड़कियों को धमकी देकर छोड़ा है कि तुम तीनों हर गुरुवार को चार बजे आकर हमसे मिलोगी। अगर तीनों मिलने नहीं आओगी तो तुम्हें फिर से घर से उठा कर ले जायेंगे
सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि बस्तर में इस तरह की घटनाएं आम हो गई है. उन्होंने सवाल किया कि बताइये, देश के आदिवासी अपनी बेटियों की रक्षा कैसे करें। उधर, पुलिस ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है.
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रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित सुकमा जिले में कुछ दिन पहले आदिवासी युवती मड़कम हिड़मे के मारे जाने के बाद गुरुवार को सुरक्षा बलों की ओर से तीन लड़कियों को उठा लिया , लेकिन बाद में हो-हल्ला होने पर इन दिन बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि ये तीनों लड़कियां मारी गई हिड़मे के पड़ोसी गांव की हैं. ये इंग्रेम कस्बे में लगने वाले बाज़ार से अपने गांव लौट रही थी. रास्ते में सुरक्षा बलों के सिपाहियों नें इन्हे पकड़ लिया।
कुमार के मुताबिक, इसकी सूचना मिलने पर पुलिस पर इन लड़कियों को छोड़ने का दबाव बनाया गया. आखिरकार शुक्रवार को तीनों को पुलिस ने छोड़ दिया। लड़कियों ने रिहा होने के बाद बताया कि पुलिस वाले उन्हें बन्दूक दिखा कर डरा रहे थे. पुलिस वाले कह रहे थे कि अगर चिल्लाओगी तो मार देंगे।
लड़कियों को बाज़ार से उठा कर गाड़ी में डाल कर ले जाकर छतीसगढ़ के कोंटा थाने में रखा गया था. पुलिस वालों नें इन लड़कियों को धमकी देकर छोड़ा है कि तुम तीनों हर गुरुवार को चार बजे आकर हमसे मिलोगी। अगर तीनों मिलने नहीं आओगी तो तुम्हें फिर से घर से उठा कर ले जायेंगे
सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि बस्तर में इस तरह की घटनाएं आम हो गई है. उन्होंने सवाल किया कि बताइये, देश के आदिवासी अपनी बेटियों की रक्षा कैसे करें। उधर, पुलिस ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है.
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