- गर्व से कहो हम फासिस्ट हैं.
अभी आपको थोड़ा अटपटा लगरहा होगा ,लेकिन वो दिन बहुत दूर नहीं है जब सही मे ये लोग अपने आपको फासिस्ट कहने मे गर्व करेंगे और कहेंगे की हाँ हम फासिट है ,किसी को क्या प्रॉब्लम हैं .
हंस के पिछले अंक मे संजय सहाय ने फासिस्ट नाम की व्याख्या की थी , आप भी देखें की कैसे एक अच्छा भला शब्द फासीवाद का प्रतीक कैसे बन गया .
फासीज़ प्राचीन रोम के पहले इट्रास्क्न सभ्यता का चिन्ह था ,जिसे रोम मे दंडाधिकार के प्रतीक के रूप मे अपना लिया रोमन फासीज़ बर्च या या एल्म की लकड़ी से बना पांच पांच फीट के डॅंडो से बना गठ्ठर होता था, जो समूह की शक्ति का प्रतीक था .गठ्ठर को लाल रंग के चमड़े के फीते से कसा जाता था , और उपर एक कुल्हाड़ी / फरसे का फल बांध दिया जाता था .कुल्हाड़ी दंडाधिकारी के म्रत्युदंड या जीवनदान देने के अधिकार को इंगित करता था .फसिज़ के चिन्ह का उपयोग इटली मे भिन्न भिन्न राजनेतिक दल पहले भी करते थे .. अमेरिका, फ्रेंच , फ्रांस मे भी इसका इसी के लिये उपयोग होता रहा हैं ,
मुसोलीन ने भी इसका उपयोग फासिस्म के मूल रूप मे किया था , इसका चिन्ह देख सकते हैं .
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