भूख से मरने के भय से दो बुजुर्गो ने ली अपनी जान , राशन के घोटाले में सरकारी दलालो ने की अरबो की हेराफेरी , 50 लाख भूखलोगो का राशन समाप्त बंद किया गया ।
कोण्डा गॉव के ग्राम पंचायत चिखलपुटी में 70 साल के नेत्रहीन बुजुर्ग श्री पीलाराम लहरे ने घर के पास लुंगी लगा के फांसी लगा के अपनी जान लेली , वही दूसरी तरफ बैकुण्ठपुर [ कोरिया ] के ग्राम पंचायत मनसुख भवन में फांसी लगा के अपनी जान लेली,
पीलराम लहरे का परिवार पिछले 10 साल से सिर्फ गरीबी राशन कार्ड पे ही अपना परिवार चलाता था ,इनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे था , इसीलिए इस परिवार को 10 साल से 2 रुपये किलो चावल मिलता था ,इसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया , पीला राम ने कलेक्टर से जनदर्शन में अपनी बात कही ,जनपद कार्यालय में भी कार्ड पुनः बनाने की अपील की ,सब से हाथ पाव जोड़े की उसे पहले की तरह कार्ड बनाया जाये ,लेकिन कही भी सुनवाई नही हुई। कार्ड के अपात्र होने से निराश और गम सुम होने के कारण आत्नहत्या की बात पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा है ,लेकिन कलेक्टर धनजय देवांगन इसके बारे में कुछ भी कहने से इंकार करते हैं ,
पीला राम लहरे की पत्नी कमला बाई का कहना है , कि हम पति पत्नी को वृद्धा पेंशन से 200 -500 रुपये प्रतिमाह मिलते थे ,हम दोनों इसी राशि से और अपने गरीबी रेखा के कार्ड से अपना जीवन यापन करते थे ,राशन कार्ड निरस्त होने से हमारा परिवार अनाथ हो गया ,और मेरे पति ने अपनी जान देदी।
वाही दूसरी तरफ कोरिया जिले के मनसुख पंचायत भवन में जाके फांसी लगा ली ,उसे भय हो गया था की उसका राशन कार्ड निरस्त हो रहा हैं , कुछ दिनों से वो गुमसुम हो गई थी ,उसने कहा था की उस ेपंचायत सचिव ने किसी कागज पे साइन करवाये है ,और कहा है की उसका राशन कार्ड अब नहीं मिलेगा। उसन राखी के दिन पंचायत भवन में फांसी लगा के अपनी जान देदी, उसके परिवार में इसी गरीबी के कार्ड से खान अहो पाता था
बाद में दोनों प्रकरण में शाशन ने तुरन्त इनके राशन कार्ड बना दिया ,और कहा की इनके परिवार तो गरीबी रखे से निचे ही थे ,लेकिन ये सब दोनों की जान देने के बाद किया गया।
छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड में घोटाला की कई बार कहानी लिख चुके हैं , चुनाव के पहले 2. 25 करोड़ की आबादी के राज्य में 70 लाख कार्ड बना दिया ,यदि प्रति परिवार 5 लोग लगाये तो 3 . 35 करोड़ की आबादी होती है ,बाद में सत्यापन के नाम से 10 लाख कार्ड निरस्त का र्दिये ,यानि करीब 50 लाख लोगो का राशन कार्ड निरस्त का रडिया गए ,ज्यादातर गरीबो के कार्ड निरस्त किये गए , पहले की तरह जो बड़े लोग फर्जी कार्ड बनाये थे उन्होंने तो दुबारा कार्ड बनवा लिए ,लेकिन गरीब अपने कार्ड नहीं बना पाये।
हमेशा सब्सिडी की आलोचना करने वालो को देखना चाहिए की देश की बहुत बड़ी आबादी इसी सब्सिडी से मिलने वाले अनाज पे निर्भर हैं,और मनरेगा जैसे काम भी गरीबो को सहायता करते है ,लेकिन भाजपा और कार्पोरेट किसी भी कीमत पे सब्सिडी को खत्म करना चाहते हैं।
कोण्डा गॉव के ग्राम पंचायत चिखलपुटी में 70 साल के नेत्रहीन बुजुर्ग श्री पीलाराम लहरे ने घर के पास लुंगी लगा के फांसी लगा के अपनी जान लेली , वही दूसरी तरफ बैकुण्ठपुर [ कोरिया ] के ग्राम पंचायत मनसुख भवन में फांसी लगा के अपनी जान लेली,
पीलराम लहरे का परिवार पिछले 10 साल से सिर्फ गरीबी राशन कार्ड पे ही अपना परिवार चलाता था ,इनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे था , इसीलिए इस परिवार को 10 साल से 2 रुपये किलो चावल मिलता था ,इसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया , पीला राम ने कलेक्टर से जनदर्शन में अपनी बात कही ,जनपद कार्यालय में भी कार्ड पुनः बनाने की अपील की ,सब से हाथ पाव जोड़े की उसे पहले की तरह कार्ड बनाया जाये ,लेकिन कही भी सुनवाई नही हुई। कार्ड के अपात्र होने से निराश और गम सुम होने के कारण आत्नहत्या की बात पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा है ,लेकिन कलेक्टर धनजय देवांगन इसके बारे में कुछ भी कहने से इंकार करते हैं ,
पीला राम लहरे की पत्नी कमला बाई का कहना है , कि हम पति पत्नी को वृद्धा पेंशन से 200 -500 रुपये प्रतिमाह मिलते थे ,हम दोनों इसी राशि से और अपने गरीबी रेखा के कार्ड से अपना जीवन यापन करते थे ,राशन कार्ड निरस्त होने से हमारा परिवार अनाथ हो गया ,और मेरे पति ने अपनी जान देदी।
वाही दूसरी तरफ कोरिया जिले के मनसुख पंचायत भवन में जाके फांसी लगा ली ,उसे भय हो गया था की उसका राशन कार्ड निरस्त हो रहा हैं , कुछ दिनों से वो गुमसुम हो गई थी ,उसने कहा था की उस ेपंचायत सचिव ने किसी कागज पे साइन करवाये है ,और कहा है की उसका राशन कार्ड अब नहीं मिलेगा। उसन राखी के दिन पंचायत भवन में फांसी लगा के अपनी जान देदी, उसके परिवार में इसी गरीबी के कार्ड से खान अहो पाता था
बाद में दोनों प्रकरण में शाशन ने तुरन्त इनके राशन कार्ड बना दिया ,और कहा की इनके परिवार तो गरीबी रखे से निचे ही थे ,लेकिन ये सब दोनों की जान देने के बाद किया गया।
छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड में घोटाला की कई बार कहानी लिख चुके हैं , चुनाव के पहले 2. 25 करोड़ की आबादी के राज्य में 70 लाख कार्ड बना दिया ,यदि प्रति परिवार 5 लोग लगाये तो 3 . 35 करोड़ की आबादी होती है ,बाद में सत्यापन के नाम से 10 लाख कार्ड निरस्त का र्दिये ,यानि करीब 50 लाख लोगो का राशन कार्ड निरस्त का रडिया गए ,ज्यादातर गरीबो के कार्ड निरस्त किये गए , पहले की तरह जो बड़े लोग फर्जी कार्ड बनाये थे उन्होंने तो दुबारा कार्ड बनवा लिए ,लेकिन गरीब अपने कार्ड नहीं बना पाये।
हमेशा सब्सिडी की आलोचना करने वालो को देखना चाहिए की देश की बहुत बड़ी आबादी इसी सब्सिडी से मिलने वाले अनाज पे निर्भर हैं,और मनरेगा जैसे काम भी गरीबो को सहायता करते है ,लेकिन भाजपा और कार्पोरेट किसी भी कीमत पे सब्सिडी को खत्म करना चाहते हैं।
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