मोदी के आने के बाद ईसाइयो पे निरंतर हमले हो रहे हैं , चंगाई सभा करना कैसे गैरकानूनी हैं ? छत्तीसगढ़ में संघियो के सितम की इंतिहा।,,,,,ईसाई और मुसलमान निशाने पे
अभी अभी जशपुर में धर्म सेना का हमला कोई पहला हमला नहीं हैं ,पिछले चार महीने में रोज रोज कही न कही ईसाई घरो पे संघी लोग विभिन्न नमो से हमला कर रहे हैं , बहाना है की वहाँ धर्म परिवर्तन हो रहा था ,या लालच दिया जा रहा था, किसी इसे घर में यदि कभी रविवार को कोई प्रार्थना सभा हो तो ये उपद्रवी उनके घे में पहुंच के मार पीट करते हैं ,और किसी से उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवा देते है ,और बलात्कार तक की रिपोर्ट न लिखने वाली खैरख्वाह पुलिस तुरंत पहुंच जाती है और उन्हें कई धारा में गिरफ्तार कर लेती हैं , संघी या जो भी नाम रख लेते है ,इन घरो में पथराव करते है ,लूटते है ,पिटाई करते है ,तोड़फोड़ करते हैं , स्थानीय अख़बार सिर्फ यही छापते है की धर्म परिवर्तन की कोशश नाकाम ,पोलिस -संघी और सरकार का गठजोड़ ऐसे हमले सुनियोजित करके समाज में स्थाई रूप से विभाजन करवाना चाहते हैं।
18 अगस्त को जशपुर के कुनकुरी ,विकासखण्ड कांसाबेल में गॉव कुंजरा के पास गॉव कोरंगा में बिरेन्द्र भास्कर और नवास पन्ना के घर में चंगाई सभा करने से हमला कर दिया , पुलिस ने कहा की इस घर मे पिछले 9 महीने से इतवार को चंगाई सभा होती है ,जहा बीमार लोगो को ठीक करने के लिए प्रार्थना की जाती हैं , इसके लिए कुछ राशि भी वसूल की जाती हैं , इसकी आड़ में हिन्दू धर्म आपत्ति जनक बाटे की जाती है , इसलिए धारा 295 क ,34 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज़ किया गया हैं,
इसके ठीक चार महीने पहले भी कुनकुरी के ही गॉव में इसी प्रकार के हमले चंगाई सभा के बहाने किये गए और घर को तोडा फोड़ गया , पुलिस ने गुंडों की जगह पीटने वाले ईसाइयो पे ही कार्यवाही की ,
अभी एक सप्ताह पहले बलरामपुर जिले के जगन्नाथपुर गॉव में एक स्कुल में 8 -10 साल की छात्रा पढ़ने के बाद कही चली गई , खोजने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला , तीन दिन बाद उसकी लाश पास के ही खेत में मिली , तो धर्म सेना के लोगो ने चर्च पे हमला कर दिया और फादर की खूब पिटाई की , जब की हत्या के आरोप में कोई और गैर ईसाई पकड़ा गया , चर्च और उस टीचर का सिर्फ यही दोष था की वो जिस स्कुल में पढ़ती थी वो उनका था , पुलिस चार सिस्टर और तीन फादर को गिरफ्तार कर लिया। जब की बाद में पता भी चल गया की ये हत्या उस बच्ची के घर में वैमनस्यता के चलते किसी रिश्तेदार ने ही की थी।
ठीक ऐसे ही अभी 19 अगस्त को दुर्ग भिलाई के खुर्सीपार के स्कुल निर्मल रानी स्कुल में 200 -300 भाजपा के लोगो ने हमला कर दिया , पुरे स्कुल को तहनहस कर दिया , टीचर ,प्राचार्य को बहुत मारा , फर्मिचऱ को तोडा , कारण बताया गया की 3 अगस्त 14 को एक छात्रा बीमार होने से छूटी लेने प्राचार्य के पास आओ थी ,उसके साथ एक और छात्रा थी ,तो प्राचार्य ने दूसरी लड़की से कहा की वो तो क्लास की मास्टर नहीं है तो वो इसके साथ क्यों आई है ,यदि ये बीमार ही तो हम उसे घर जाने की परमिशन दे देते है ,और छात्रा को छुट्टी देदी , लेकिन दूसरी छात्र ने शायद आपने मामा से शिकायत की कि प्राचार्य डांटा था , तो उस मामा ने इसकी पुलिस रिपोर्ट कर दी , काफी दिन बीतने के बाद 19 अगस्त को धर्मसेना और भाजपा के दोसो तीन सो लोगो ने स्कुल पे हमला ही कर दिया , ईसाइयो के खिलाफ नारेबाजी की और धर्मपरिवर्तन के बारे में हल्ला किया।
ऐसी एक दो नहीं हजारो किस्से है जब हिन्दू संघटन जगह जगह अपने प्रभाव से इसे धर्मस्थलो पे हमला कर रहे हैं , चर्चो को तोडा फोड़ा जा रहा हैं , खासकर जशपुर के गॉव में दिलीपसिंह जू देव के लोगो ने लघभग हर घर पे हनुमान के झंडे लगा दिया हैं , कोई विरोध करे तो उसकी मारपीट की जाती है , जगदलपुर के एक गॉव में बड़ी सभा करके प्रस्ताव पास किया गया की उन गावो में सिवाय धर्म के कोई और धर्म के लोग किसी प्रकार की प्रार्थना नहीं कर सकते।
सिर्फ जानने के लिए बताये की चंगाई सभा होती क्या हैं ,जब कोई बीमार हो या दुखी हो तो वो इस सभा में आता ही और उसके ठीक होने के लिए प्रार्थना की जाती है ,जैसे किसी भी मंदिर या किसी और धर्म की प्रार्थना में होता है , कोई बताये की किसी के स्वस्थ होने की प्रार्थना करना कैसे गैर क़ानूनी हो सकता है ,हाँ ये मन सकते है की सिर्फ प्रार्थना से कोई ठीक नहीं होता ,ये पूरी तरह अवैज्ञानिक है , लेकिन सरे धर्म तो ऐसा ही अवैज्ञानिक काम करते है तो फिर सिफ इसे धर्म स्थलों पे ही हमला क्यों,
यदि सिर्फ एक साल की घटनाये लिखी जाये तो वो काई सो हो सकती हैं , मेने तो सिर्फ तीन घटना लिखी है जो एक सप्ताह में हुई है , ऐसे ही हमले मुसलमानो पे भी किये जा रहे हैं , अभी बिलासपुर में राजनाद गॉव औररायगढ़ में भी फेसबुक में फर्जी पोस्ट करके माहोल को उत्तेजित किया गया , मुसलमानो को टारगेट किया गया , ये ठीक है की आसपास कोई चुनाव नाही है तो फिर धर्मिक रूप से पोलोराइजेशन क्यों किया जा रहा है ,तो जबाब है की अभी तो सिर्फ सत्ता आई है ,इसकी आड़ में पूरी तरह से धर्मिक विभाजन करना ही इनका एजेंडा हैं।
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