Thursday, March 16, 2017

हां हमें डरना चाहिए . जरूर डरना चाहिए .



हां  हमें डरना चाहिए .
जरूर डरना चाहिए .
लेकिन इसके लिये यदि समय रहते क
 कुछ नही किया तो बहुत देर हो चुकी होगी .

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यूपी में भाजपा का प्रचंड बहुमत डराने वाला है .
इससे देश के बड़े समुदाय ,दूसरे धर्म को मानने वाले और वचिंत वर्ण के लोग सहमे हुये है,.
आपको डरना शब्द शायद कडा लग रहा हो तो
में उसकी जगह असहज लिख देता हूँ .
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हाँ ,हम उनकी परिभाषा में न  देशभक्त हो सकते है ओर न  राष्ट्रवादी .
वे सहमे है ,
* जिनको सिर्फ धर्म के आधार पर उनकी देशभक्ति की परिक्षेत्र पल पल ली जाती हो ,आतंकवादी कहने में क्षणभर भी देरी न लगती हो ,जिन्हें बिना किसी आधार के वर्षो जेल मे सडाया गया हो .जिनकी जान मुठभेड़ में आसानी से ली जा रही हो ,वे सहमे हुये है ,उन्हें लगने लगा है की ऐसे धार्मिक अपराधी लोग अपने आप को सही सिद्ध करने के लिये इन चुनाव को अपने लिये प्रमाण मानेंगे .
*दलित समुदाय भी अचंभित है ,उनकी बडी नेता की इतनी बुरी हार उन्हें पच नही रही ,वे पूरी इलेक्शन प्रक्रिया पर प्रश्न ऊठा रहे है .उन्हें लग रहा है की ऊना में दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार करने वाले और रोहित वैमूला के हत्यारों को जस्टीफिकेशन मिल गया है . जिस वर्ण ने लगातार दलितों के साथ अत्याचार किये उन्हें अपमानित किया उनकी हत्यायें की उनकी महिलाओं के साथ दुशकर्म किये और गांव में उन्हें अलगथलग कर दिया ,ऐसी ताकते अपने आपको विजयी मान रही है और उनसे खतरे और बढ गये है.
*  एक और अल्पसंख्यक वर्ग भी असहज है ,वो इसलिए कि जिस धर्म सैना और बजरंग दल आदि ने धर्म परिवर्तन के आरोपों के साथ  चर्चों पर हमले किये ,तोडफोड की ,विश्वासी लोगो के घरो पर लूटपाट की और पादरियो के जूलूस निकाले वह सब अब और सीना तान कर अपने किये फर गर्व कर रहे है .पहले भी पुलिस कुछ नही करती थी अब और नहीं करेगी पुलिस को भी  लगेगा की इस चुनाव ने उन्हें   सही सिद्ध किया है .पुलिस का  साम्प्रदायिककरण तो बहुत पहले हो गया हैं.
* सुरक्षा बल जो बस्तर आदि संवेदनशील स्थानों पर तैनात है वे बडे प्रफुल्लित है ,बस्तर के आई जी तो बाकायदा भाजपा के पक्ष मे वीडियो जारी कर चुके है  यूपी चुनाव के परीणाम से  उन्हें लग रहा कि ऊनकी ज्यादतियों के पक्ष में  जनादेश मिल गया है.
यहाँ के अधिकारी लोग सीधे डोभाल से आदेश लेते है.
* वो सब कारपोरेट भारी प्रसन्न है जो बिना किसी कायदे कानून के आदिवादियो की जमिन कब्जा रहे थे ,वे सेना और फोर्स का स्तेमाल अपने लठैतों की तरह करते थे.
** गली गली में बडा सा टीका लगायें  भगवा गमछा पहने गुण्डों को जायज ठहरा दिया है इस यूपी चुनाव ने .
मुसलमान  ,इसाई , सेक्युलरिज्म ,आजादी ओर बुद्धजीवियों शब्द देशद्रोही होने के लिये पर्याप्त है.
* हिन्दी बेल्ट में  मुसलमान वर्सेज सारे  की तर्ज  पर चुनाव होने की पूरी तैयारी है यही हुआ तो देश विघटन की ओर  तेजी से बढेगा ही .यही  चिंता का प्रमुख कारण है .
* हिंदुत्व  के  लिये  पूरा मीडिया ,जूडिशरी से लेकर सारे सत्ताप्रतिष्ठान एक हो गये हैं. पुलिस ओर सैना का तो कहना ही क्या ..
इस रास्ते से लगने लगा है की दो हजार उन्नीस का  चुनाव ये आसानी से जीत रहे हैं.यदी एसा ही हुआ तो देश हिन्दू डिक्टेशनशिप में बदल  जायेगा ,,ओर हमारा देश  तेजी से विघटन की तरफ चला जायेगा यही बेहद चिंता का सबब है .
हम बेहद गंभीर संकट की और तेजी से जा रहे है.
सचमुच डरने की बात है .
भारत आजादी के बाद सबसे कठिन दौर में पहुच गया हैं. एक तरफ हिन्दुत्ववादी उन्मादी गिरोह,  पूजी ,मीडिया, मदमस्त नोकरशाही  ,लठैत की तरह काम करने वाली फ़ोर्स ,ओर सबसे ऊपर संघ के मोहन भागवत .
ओर दूसरी तरफ खड़े है हम सब यानी सेक्युलर ,समता वादी ,सामाजिक न्याय , भगत सिंह और गाँधी की प्रतिरोध की विरासत थामे बिखरी हुई  ताकतें .
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तो ,  अब आपको तय करना है कीआप किनके साथ है.
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 डा. लाखन सिंह
15.3.17







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