पहले मारा पीटा,गंभीर चोटे आई ,एक बहन को कपड़े उतार कर पीटा ,लगातार 15 दिल गाँव में हाहाकार ,तीन चार गाँव छोड़ कर आदिवासी आंध्र भाग गए ,जब उनके सहायता के लिये सोनी सोरी गाँव जाके कुछ पीडितों को न्याय दिलाने के लिये ला रहे थे तो उनके साथ बदतमीजी का व्यवहार पुलिस का .
यही है रमन सिंह की भाजपा सरकार की पुलिस का गैरकानूनी ,गैरजिम्मेदाराना, अप्रजातांत्रिक और अमानवीय करम .
सोनी सोरी को पूरी रात एर्राबोर थाने के बाहर रोक कर रखा गया,
सोनी सोरी के साथ छह आदिवासी भी थे,
पुलिस इन आदिवासियों को अदालत जाने से रोकना चाहती है,
इन आदिवासियों के परिवार के सदस्यों को पुलिस ने गायब कर दिया है,
अब यह आदिवासी सोनी सोरी के साथ अदालत जाकर अपनी शिकायत दर्ज़ कराना चाहते हैं,
इसलिए पुलिस ने सारी रात सोनी सोरी और इन आदिवासियों को थाने में रोक कर रखा,
इन पीड़ितों में दो युवतियां हैं जिनकी उम्र बीस साल से भी कम है,
एक बुज़ुर्ग महिला और भी हैं, दो बुज़ुर्ग हैं जो पचास साल से ज्यादा उम्र के हैं,
रात भर पुलिस इन आदिवासियों को धमकाती रही कि "तुम लोग सोनी सोरी के साथ मत जाओ, तुम लोग बोल दो कि सोनी सोरी हमें ज़बरदस्ती लेकर जा रही है, बोल देना कि सोनी सोरी जंगल में नक्सलियों से मिलने गयी थी,"
आदिवासियों नें कहा कि नहीं सोनी सोरी को हमने अपनी मदद के लिए बुलाया था, सोनी जंगल में नहीं गयी बल्कि हमारे गाँव में हमसे मिलने आई, हम अपनी मर्जी से सोनी के साथ जा रहे हैं,
चूंकि बात सोशल मीडिया पर फ़ैल गई थी और कई लोगों नें पुलिस को फोन करने शुरू कर दिए थे इस लिए पुलिस ज़्यादा कुछ नहीं कर पाई,
अभी सोनी सोरी और यह सभी आदिवासी पीड़ित गीदम के रास्ते पर हैं,
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