** सात ग्रमीणों को पकड कर ले गई थी पुलिस ,आजतक लापता है ,परिजन तलाश में पहुचे मुख्यालय जगदलपुर .
**प्रेस कांफ्रेंस में रो पडीं सोनी ,कहा
अत्याचार बर्दाश्त करने की ताकत खतम .
** आदिवासियों पर अत्याचार करने वाले पुलिस कर्मीयों को डुपट्टा ओढ कर चलना चाहिए .
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चिंतागुफा गाँव से लापता हुये ग्रामीणों के परिजन आज सोनी सोरी के साथ जिला मुख्यालय जगदलपुर पहुचे .
दोपहर निषाद भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आदिवासियों पर हो लगातार हो रहे अत्याचार से व्यथित होकर रो पडी सोनी ने एर्राबोर थाने के इंचार्ज पर आरोप लगाते हुये कहा कि उसने थाने में मेरा डुपट्टा खींचा .बिरोध करने पर जेल भेजने की धमकी मिलती है, उन्होंने कहा कि गाँव में आदिवासियों के साथ अत्याचार की इंतहा हो गई हैं .
हर गाँव में यही कहानी है ,आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लडते लडते में थक गई हूं. पुलिसिया अत्याचार को देखते हुये अब मेरा मन काम छोडनें का हो रहा है.
पहले भी क ई बार सेवा का काम छोड़ने का मन बना चुकी हूं लेकिन फिर
पहले भी क ई बार सेवा का काम छोड़ने का मन बना चुकी हूं लेकिन लोगो की तकलीफें देखकर बार बार इनकी लड़ाई में साथ आना ही होता हैं .
आप नेता रोहित आर्य ने बताया कि सोनी पर हमला करने वाले थानेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर रायपुर में बडा प्रदर्शन किया जावेगा ,सोनी ने बताया कि चिंतागुफा के दो पारा खाली हो गये हैं ,सभी ग्रमीण पुलिसिया कहर के कारण आन्ध्रा भाग गये है, और तीन गाँव भी खाली होने को तैयार हैं।
सोनी ने कहा कि जल्दी ही कुछ नहीं किया गया तो यह सब आंध्र में जाकर बस जायेंगे .
** चितागुफा के सात लोग है लापता
सोनी ने बताया कि चिंतागुफा में रहने वाले कट्टम एंका ,कट्टम राजू, कट्टम बुच,सोढी चन्द्रा ,पदमा नागा,पदम रंगा, और मडकाम मुत्ते दस दिन से लापता है ,जिनका आजतक कोई पता नही पडा है ।.
** पुलिस ले गई थी इन सब को जिनका अभी तक कुछ पता नही पड रहा.
सोनी ने पत्रकारों को बताया कि फोर्स के लोग उस दिन गाँव पहुचे थे ,सिपाहियों ने जो भी मिला उसे बेदम तक मारा पीटा ,महिलाओं को नंगा करके भी पीटा गया ,गर्भवती महिला को भी नही छोड़ा गया . महिलाओं के साथ छेडछाड की गई और गंभीर रूप से घायल कर दिया,जो लोग मंदिर या शादी घर में थे उन्हें भी वहाँ जाकर पीटा गया .
मारपीट के बाद 25 लोगो को पुलिस पकडक गोरका कैम्प ले गई ,अगले दिन सात लोगों को छोडकर अन्य सभी को वापस कर दिया हम लोग आईजी बस्तर से मिलकर उन सात लोगों के बारे में जानकारी मांगेंगे ,उन्होंने कहा कि एक कनाडाई युवक को पुलिस तीन दिन में खोज लेती है लेकिन आदिवासियों को दस दिन बाद भी नही खोज पाई जब कि वही लोग उन्हे पकड ले गये थे.
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