निरपराध कवासी हिड़मे और सलवा मुक्ता को सात साल जेल के बाद कोर्ट ने रिहा किया , कोर्ट ने माना की वो निर्दोष थी
माओवाद के नाम पे 23 जवानो की हत्या की आरोपी कवासी हिड़मे और सलवा मुक्ता को दंतेवाड़ा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषमुक्त करार दे दिया ,पुलिस इन दोनों के खिलाफ कोई साबुत पेश नहीं कर सकी, न्यायधीश धनेश्वरी ने सबूतो और गवाहों के अभावो में दोनों को निर्दोष माना , कोर्ट के आदेह के बाद दोनों आदिवासी महिलाओ को जेल से रिहा कर दिया गया ,
कवासी हिङमा और सलवा मुक्त को सात साल पहले 23 जवानो की हत्या के आरोप में इन्हे घर से गिरफ्तार किया था ,विचाराधीन कैदी के रूप में इन्हे सात साल तक जेल में रहना पड़ा ,फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट ने सात साल में निर्णय दिए की वो निर्दोष है,इन्हे बिना अपराध के पकड़ा गया हैं
आप पार्टी की नेता सोनी सोढ़ी के पुलिस पे इस महिला को लेके गंभीर आरोप हैं ,पत्रकारों ने जब हिङमा से पूछा की उसे क्यों गिरफ्तार किया गया है तो उसने कहा की मालूम नहीं ,सोनो सोरी ने पुलिस की बर्बरता से सहमी हुई हैं , सोनी ने कहा की पुलिस के अत्याचार की वजह से उसकी बच्चेदानी ख़राब हुई हैं। पुलिस बर्बरता के कारण अस्पताल में ऑपरेशन भी हुआ था। बच्चेदानी की खराबी की अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली हैं जेल अधीक्षक गायकवाड़ ने बताया की दो दिनों बाद रिपोर्ट मिल जाएगी ,
सोनी सॉरी जो जेल में इन महिलाओ के रिहा होने के अवसर पे मौजूद थी ,इन्होने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने दोनों महिलाओ को रामराम मेले से गिरफ्तार किया था गिरफ्तर करने के 20 दिन बर उन्हें न्ययालय में पेश किया गया ,इन महिलाओ को न्यायालय में पेश करने के पहले प्रताड़ित किया गया ,सोनी ने ये भी कहा की इन्हे अलग अलाह थानो में रख के अनाचार भी किया गया ,
पुलिस का आरोप था की सुकमा के उपलमेटा की पहाड़ियों में चढ़ के माओवदियो ने सर्चिंग दल पे जून 2006 में गोलिया चलाई ,इस वरदात में 23 जवानो की मोत हो गई और आधा दर्जन सिपाही घायल हुए।
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