युवक ने सुरक्षा बलों पर लगाया गला काटने का आरोप
Updated: Wed, 08 Feb 2017 06:
नई दुनियाँ
फोर्स ने उसे और गांव के तीन अन्य लोगों को तालाब से उठाया और फिर थाने ले जाकर मारपीट की।
दंतेवाड़ा। सुकमा जिले के ग्राम गोरखा के एक युवक सुनील मुचाकी ने फोर्स पर आरोप लगाया है कि फोर्स ने उसे और गांव के तीन अन्य लोगों को तालाब से उठाया और फिर थाने ले जाकर मारपीट की। इस दौरान संतोष नामक सहायक आरक्षक की मौजूदगी में उसका गला रेतने की कोशिश की गई। फिर कोंटा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
इसके बाद उसे इनकाउंटर में मारने की योजना थी। लेकिन वह मौका देखकर हॉस्पिटल से भाग निकला। अब वह समाजसेवी सोनी सोरी के पास आकर जिंदगी मांग रहा है। साथ ही अपना अपराध पुलिस विभाग से जानना चाहता हैं। जबकि इसके साथ पकड़े गए एक ग्रामीण और उसके दो पुत्रों को पुलिस जेल भेज दी है। जिसकी खबर परिजनों को नहीं है।
मंगलवार को सोनी सोरी ने बुधवार को स्थानीय सर्किट हाउस में ग्राम गोरखा के सुनील मुचाकी, उसकी मां बुदरी, इसी गांव के माड़वी आयते, हेमला बोजा और पीसे माड़वी को मीडिया के समक्ष पेश करते बताया कि सुकमा की फोर्स इनके साथ ज्यादाती कर रही है।
इनके जान को खतरा है और ये लोग सुरक्षा के लिए उसके पास पहुंचे हैं। यदि फोर्स इनका अपराध बताती है और इसमें सत्यता है तो वह ग्रामीणों को पुलिस और न्यायालय को सौंप देगी। सुनील मुचाकी ने बताया कि 27 जनवरी को वह गांव के माड़वी हिड़मा और उसके पुत्र हांदा व लच्छू के साथ तालाब में नहाने गया था। इसी दौरान फोर्स वहां पहुंची और साथ में थाना ले गई।
शाम चार बजे उन्हें इंजरम और फिर 7 बजे कोंटा ले गए। जहां पूछताछ के साथ पांच दिनों तक मारपीट किया जाता रहा है। इसी दौरान एसपीओ संतोष की मौजूदगी में एक जवान ने उसका गला रेतना शुरु किया और वह बेहोश हो गया। सुनील के मुताबिक जब होश आया तो वह भद्राचलम हॉस्पिटल में था। जहां उसके गले में टांके लगे थे। पत्रकारों से चर्चा के दौरान आप पार्टी के सुकुलधर, यालम मौजूद थे।
जवानों की बातें सुना और भाग निकला गांव
सुनील के मुताबिक हॉस्पिटल में जवान उसके लिए बरमुंडा सहित अन्य कपड़े लेकर पहुंचे और बात कर रहे थे कि हॉस्पिटल ले जाकर इसका इनकाउंटर करना है। उनकी बातों को सुनने बाद वह बाथरूम के बहाने हॉस्पिटल से निकला और जंगल के रास्ते गांव के लिए भाग निकला।
पीसे को मालूम नहीं, पति-पुत्र कहां हैं
सोनी सोरी ने बताया कि ग्रामीण माड़वी हिड़मा और उसके दोनों पुत्रों को पुलिस जेल भेज दी है लेकिन इसकी जानकारी परिजनों को नहीं है। हिड़मा और उसके पुत्रों को ग्रामीण भी निर्दोष बता रहे हैं। सोनी के मुताबिक उसे बताया कि हिड़मा और उसके पुत्र को नक्सली मामले में गिरफ्तार किया गया है। जबकि ग्रामीण हिड़मा की पत्नी पीसे को नहीं मालूम की उसका पति और दोनों पुत्र कहां हैं।
दंपति के साथ भी मारपीट
पत्रवार्ता सोनी सोरी के साथ मौजूद ग्राम गोरखा के माड़ववी आयते और हेमला पोज्जा ने बताया कि जिस दिन सुनील, हिड़मा को फोर्स तालाब से ले गई। उसी दिन उनके साथ भी मारपीट की गई है। फोर्स की मारपीट से दोनों की हालत गंभीर थी। देशी उपचार के बाद वे ग्रामीणों की मदद से सोनी सोरी के पास पहुंचे हैं।
उपचार और पुलिस का सहयोग भी
मीडिया के समक्ष सोनी सोरी ने कहा कि वह सुनील का उपचार करवाना चाहती है और पुलिस की मदद भी। लेकिन पुलिस ग्रामीणों को बेवजह परेशान करती और जान का खतरा बना रहता है। इसलिए मीडिया के समक्ष लाने के बाद पुलिस के पास ले जाउंगी। नए डीजीपी ने भी कानूनी दायरे में रहकर पुलिस का सहयोग करने वालों का स्वागत किया है
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