कल्लूरी के चलते बस्तर का माहौल अच्छा नहीं था'
- 13 फरवरी 2017
छत्तीसगढ़ में माओवाद प्रभावित बस्तर से हटाये गये आईजी पुलिस शिवराम प्रसाद कल्लूरी को लेकर सरकार ने पहली बार स्वीकार किया है कि उनके कारण बस्तर का माहौल अच्छा नहीं था.
राज्य के गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा ने यह भी माना है कि बस्तर में मानवाधिकार हनन के मामले में कई बातें सामने आई थीं.
इससे पहले सरकार दावा करती रही है कि शिवराम प्रसाद कल्लूरी को स्वास्थ्यगत कारणों से बस्तर से हटाया गया है.
रविवार को पत्रकारों से बातचीत में गृहमंत्री ने कहा कि कल्लूरी ने बहुत दिन तक बस्तर में अच्छा काम किया. लेकिन बाद में उनके ख़िलाफ़ शिकायतें भी आईं.
गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा ने कहा- "आईजी पर वहां पर कई तरह के आरोप प्रत्यारोप भी लगते रहे. मानवाधिकार का हनन हो रहा है, इस दिशा में भी कई बातें आई थीं. तो हम लोगों ने कहा कि मानवाधिकार का जो भी है, उसका पूरा सम्मान किया जायेगा. हमने भी चिंता जताई कि अगर वातावरण कहीं अच्छा नहीं है तो उनको चेंज करके किसी को भी पदस्थ किया जा सकता है."
हालांकि गृहमंत्री बयान के बाद राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कल्लूरी का बचाव करते हुये उनकी तारीफ़ की और कहा कि बस्तर के आईजी पुलिस कल्लुरी को स्वास्थ्यगत कारणों से रायपुर पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया है.
रमन सिंह ने कहा कि कभी-कभी अच्छा खिलाड़ी भी जब अस्वस्थ होता है तो उसे खेल के मैदान से लौटना पड़ता है.
इस बीच मानवाधिकार संगठनों ने कहा है कि शिवराम प्रसाद कल्लूरी को केवल बस्तर से हटाया जाना पर्याप्त नहीं है.
मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल की छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉक्टर लाखन सिंह ने कहा-"कल्लूरी के ख़िलाफ़ मानवाधिकार हनन के कई गंभीर आरोप हैं और उनके ख़िलाफ़ सरकार को मुक़दमा दर्ज़ करके उन्हें गिरफ़्तार करना चाहिये."
बस्तर के आईजी शिवराम प्रसाद कल्लुरी को पिछले सप्ताह सरकार ने जबरदस्ती लंबी छुट्टी पर भेज दिया था. लेकिन चार दिन बाद ही कल्लूरी ने सरकार से अपनी पदस्थापना कहीं और किये जाने का अनुरोध करते हुये कहा था कि वे स्वस्थ हैं और छुट्टी में नहीं रहना चाहते.
उनके अनुरोध पर सरकार ने उन्हें फ़िलहाल रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया है. हालांकि अभी उन्हें कोई कार्यभार नहीं दिया गया है.
(बीबीसी हिन्दी
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