कोसा मरकाम और महोन्द्र मण्ड़ावी को फ़ोर्स पकड़ कर ले गई , दंतेवाड़ा के पोटाली गॉव में
लिंगारम कोडपि की रिपोर्ट
आज दंन्तेवाड़ा जिले कि सयुक्त फोर्स नहाड़ी, पोटाली गाँवो में गयी हुई थी. वहा कोई नक्सल गतीविधीया नहीं हो रही थी. पर पुलिस प्रशासन को यह दिखाना हैं कि नक्सल गतिवीधिया चल रही हैं.कोई वजह न मिलने पर सयुक्त फोर्स ने दो आदिवासी युवको को धुरवा पारा पोटाली से (१)कोसा मरकाम/ बोटी (२) महोन्द्र मण्ड़ावी / देवा को पकड़ कर ले आयी पता नही इनके साथ पुलिस प्रशासन कैसा व्यवहार करेगा. पुलिस प्रशासन लोगों से वाह- वाही लुटने के लिए उन दो युवाओ को हार्डकोर नक्सली दिखा सकती हैं या रास्ते में भाग रहे थे बोलकर गोली मार सकते हैं. हमेशा से कल्लूरी आई. जी. बस्तर संभाग के पुलिस गुड्डो से ऐसा करवाते आया हैं. उदाहरण के तौर पर 2010 कि घटना जिसमें 300 घर जलाये गये. मर्डर हुआँ साथ - साथ एक महीला का बलात्कार भी हुआ. आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई सर्वोच्च न्यायालय चुप हैं. कोई सुनवाई नहीं हुई . उस समय आज जो बस्तर में आई. जी. हैं यही अधिकारी जिले में उच्च पद पर पदस्त थे. क्या ये अधिकारी आदिवासीयों के घरो को जलवाने वाला अपराधी नहीं हैं? अगर अपराधी हैं तो राज्य और केन्द्र सरकार ने दुबारा पद्दोउन्नती कर बस्तर संभाग में आई. जी. बनाकर क्यो भेजा? सरकार को बस्तर से कुछ न कुछ चाहिए तबी तो सरकार ने इतने बड़े अपराधी को बड़ा पद देकर भेजा है.
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