ईश्वर और माचिस की तीली
ईश्वर के होने के बमुश्किल सबूत मिलेंगे
पर न होने के प्रमाण इधर उधर भी पड़े मिल जायेंगे ,
फिर भी अधिकाश लोग उसपे मोहित हुए पड़े हैं।
आखिर क्यों ?
उसे मानने के लिए सिर्फ अपनी मुंडी हिलानी पड़ेगी ,
जैसे तुम्हारे पूर्वज शतब्दियो से हिला रहे हैं ,
इंकार करना बहुत मुश्किल है
पहले खुद को समझाओ ,घर ,समाज ,दुनिया दारी , सब खड़े है सीना ताने ,
/
तुम. तुम ,, क्या समझते हो अपने आप को
भगवांन से बड़ा समझता है अपने आपको ,
किस विज्ञानं की बात करते हो ?
मुर्दे को जिन्दा कर सकते हो ? मरने के बाद आदमी कहाँ जाता है ,,,
वगैरा ,,वगैरा ,,
जबाब तो थे बहुत से प्रशनो के
कारण और कारक की थ्योरी की भी बात की ,
लेकिन कोई माने तो न
उन्होंने कहा की ईश्वर सर्वशक्ति मान हैं ,
उसके बिना तो पत्ता भी नहीं हिल सकता ,
अच्छा ?
तो फिर मेने उन्हें बड़ी विनम्रता से एक प्रयोग करने को कहा ,
आप माचिस की एक तीली निकालो
और उसे टेबल पे बीचो बीच रख दें ,
और अब आप
दुनिया के सारे धर्मो के भगवानो को आव्हान करो
की बस उस तीली को बिना बाहरी दबाब के हिला कर बता दें।
नहीं हिला सकते न ?
भाई हम और आप या कोई भी व्यक्ति थोड़े से बाहरी दबाब के
तीली क्या पूरी माचिस की डिब्बी हटा सकते हैं।
तो भाई साहब गुस्सा से बिखर गए
तुम लोग नास्तिक हो ,,,कम्युनिस्ट हो ,,,, और पता नहीं क्या क्या
फालतू बात करते हो
ये तो सारा मामल आस्था और भरोसे के हैं
ईश्वर तो सारे तर्क से परे हैं ,
मेने कहा तो भाई आप इसे ही तर्क से समझा दीजिये ,
तो वे बड़बड़ाते हुए चले गए।
मेने सोचा ,
इतने सारे भगवान मिलके एक छोटी से तीली नहीं हिला सकते ,
तो वो
तुम्हारा क्या बिगाड़ या बना सकते हैं।
इतिश्री
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