जिस महिला सुकड़ी का पुलिस ने अपहरण किया था उसे गाँव वालों ने सर्वसम्मति से अपने गाँव का सरपंच चुन लिया .
हिमांशु कुमार
मैंने दो सप्ताह पहले लिखा था कि छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में पुलिस द्वारा एक आदिवासी को जबरन आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया जा रहा था .
वह आदिवासी नहीं मिला तो पुलिस ने उसकी पत्नी जिसका नाम सुकड़ी है, का अपहरण कर लिया था .
पन्द्रह हज़ार आदिवासियों ने थाने को तीन दिन तक घेर कर रखा .
सोनी सोरी इन आदिवासियों का नेतृत्व कर रही थी .
तीन दिन बाद घबरा कर पुलिस द्वारा उस महिला सुकड़ी को आदिवासियों को वापिस देना पड़ा .
लेकिन बदला लेने के लिए दो दिन बाद पुलिस ने फिर से उन आदिवासियों के गाँव पर हमला किया और पन्द्रह आदिवासियों को पकड़ कर नक्सली कह कर जेल में डाल दिया .
दो दिन पहले अदालत ने सभी पन्द्रह निर्दोष आदिवासियों को ज़मानत दे दी.
सभी आदिवासी अपने गाँव वापिस आ गए
जिस महिला सुकड़ी का पुलिस ने अपहरण किया था उसे गाँव वालों ने सर्वसम्मति से अपने गाँव का सरपंच चुन लिया .
इसे कहते हैं आदिवासियों की ताकत .
मोदी तुम्हारे दमन का पंजा आदिवासी ही तोड़ेंगे
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