नीलुपारा ,पेलमा और जर्रीडीह के लोगो ने एसडीएम को वापस भगाया ,कहा जमीन खरीदना है तो बना दो कोल मंडी
आज रायगढ़ में रैली
रायगढ़ के एसईसीएल खदान के विरोध में नीलुपारा ,पेलमा और जर्रीडीह के लोगो ने एसडीएम को बैरंग वापस भगा दिया ,उन्होंने कहा की यदि सरकार को कोयला खोदना है तो कोयला मंडी खोल ले ग्रामीण कोयला खोदेंगे और मंडी में बेच देंगे , इन्ही ग्रामसभा ने प्रस्ताव पास करके भूमि देने के लिया इंकार कर दिया था ,एसडीएम इन्ही को समझने आये थे , इसका जबरजस्त विरोध हुआ और एसडीएम को मज़बूरी में वापस होना पड़ा , एसडीएम ने लोगो से यह भी कहा की बाहरी लोग आपको भड़का रहे है तो ग्रामीणो ने कहा की आप क्या गॉव में ही रहते है जो हमें समझने आये हैं।
अपनी जमीं जाने का भय विस्थापन के दर्द से परेशान किसानो ने एसीएल का भारी विरोध शुरू कर दिया । शनिवार को ग्रामीणो को समझने एसडीएम अभिजीत सिंह गॉव पहुंचे थे ,रामसिंह राठिया सहित करीब 500 ग्रामीणो ने स्पष्ट कह दिया की वे अपने पुरखो की जमींन किसी भी हालत में नहीं देंगे। ग्रामीणो ने विव्द बढ़ने पे आंदोलन की चेतावनी भी दी।
जर्रीडीह में भी किसानो ने यही कहा की हम भी किसी भी जमीं लेने का जबरजस्त विरोध करेंगे ,उन्होंने कहा की कई जगह एसईसीएल ने जमींन अधिग्रहण की है उन्हें आज तक मुआवज़ा नहीं मिला है सरकारी हो या निजो किसी भी कंपनी को गॉव में घुसने नहीं देंगे ,नीलूपारा में आदिवासियों में काम कर रही रिंनचिन ने कहा की एक एकड़ जमीं के नीच एकरीब बीस करोड़ का कोयला है , ऐसे में इस कोयले पे सबसे पहला अधिकार भूमि मालिक का है , भूमिअधग्रहण अध्यादेश का पुरे देश में विरोध किया जा रहा है ,इस अध्यादेश को हम किसी भी तरह से स्वीकार नहीं करेंगे , रिनचिन ने कहा की राज्य और केंद्र सरकार कार्पोरेट के लिए काम कर रही है ,
एसईसीएल के अधिकारी तो निजी कम्पनियो से भी ज्यादा अहंकारी है ,निजी कपंनी के लोग तो गॉव के लोगो से मिल भी लेते है लेकिन सरकारी लोग तो किसानो को अपनों जेब में मानते यही ,यही कारण है की सभी ग्रामसभाओं में शतप्रतिशत विरोध दर्ज़ हुआ और अधिकारियो को ग्रामीणो ने भगा दिया ,
आज रायगढ़ में रैली
कॉल ब्लॉक प्रभावित गॉव के ग्रामीण आज रामलीला मैदान से कलेक्ट्रेट तक प्रतिरोध रैली निकालेंगे ,प्रदर्शन में करीब 40 गॉव के लोग शामिल हो रहे है
आज रायगढ़ में रैली
रायगढ़ के एसईसीएल खदान के विरोध में नीलुपारा ,पेलमा और जर्रीडीह के लोगो ने एसडीएम को बैरंग वापस भगा दिया ,उन्होंने कहा की यदि सरकार को कोयला खोदना है तो कोयला मंडी खोल ले ग्रामीण कोयला खोदेंगे और मंडी में बेच देंगे , इन्ही ग्रामसभा ने प्रस्ताव पास करके भूमि देने के लिया इंकार कर दिया था ,एसडीएम इन्ही को समझने आये थे , इसका जबरजस्त विरोध हुआ और एसडीएम को मज़बूरी में वापस होना पड़ा , एसडीएम ने लोगो से यह भी कहा की बाहरी लोग आपको भड़का रहे है तो ग्रामीणो ने कहा की आप क्या गॉव में ही रहते है जो हमें समझने आये हैं।
अपनी जमीं जाने का भय विस्थापन के दर्द से परेशान किसानो ने एसीएल का भारी विरोध शुरू कर दिया । शनिवार को ग्रामीणो को समझने एसडीएम अभिजीत सिंह गॉव पहुंचे थे ,रामसिंह राठिया सहित करीब 500 ग्रामीणो ने स्पष्ट कह दिया की वे अपने पुरखो की जमींन किसी भी हालत में नहीं देंगे। ग्रामीणो ने विव्द बढ़ने पे आंदोलन की चेतावनी भी दी।
जर्रीडीह में भी किसानो ने यही कहा की हम भी किसी भी जमीं लेने का जबरजस्त विरोध करेंगे ,उन्होंने कहा की कई जगह एसईसीएल ने जमींन अधिग्रहण की है उन्हें आज तक मुआवज़ा नहीं मिला है सरकारी हो या निजो किसी भी कंपनी को गॉव में घुसने नहीं देंगे ,नीलूपारा में आदिवासियों में काम कर रही रिंनचिन ने कहा की एक एकड़ जमीं के नीच एकरीब बीस करोड़ का कोयला है , ऐसे में इस कोयले पे सबसे पहला अधिकार भूमि मालिक का है , भूमिअधग्रहण अध्यादेश का पुरे देश में विरोध किया जा रहा है ,इस अध्यादेश को हम किसी भी तरह से स्वीकार नहीं करेंगे , रिनचिन ने कहा की राज्य और केंद्र सरकार कार्पोरेट के लिए काम कर रही है ,
एसईसीएल के अधिकारी तो निजी कम्पनियो से भी ज्यादा अहंकारी है ,निजी कपंनी के लोग तो गॉव के लोगो से मिल भी लेते है लेकिन सरकारी लोग तो किसानो को अपनों जेब में मानते यही ,यही कारण है की सभी ग्रामसभाओं में शतप्रतिशत विरोध दर्ज़ हुआ और अधिकारियो को ग्रामीणो ने भगा दिया ,
आज रायगढ़ में रैली
कॉल ब्लॉक प्रभावित गॉव के ग्रामीण आज रामलीला मैदान से कलेक्ट्रेट तक प्रतिरोध रैली निकालेंगे ,प्रदर्शन में करीब 40 गॉव के लोग शामिल हो रहे है
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