दो करोड़ पिच्यासी लाख अठारह हजार टन चावल का हिसाब कों देगा भाई,
कितनी सहजता से छत्तीसगढ से खाद्य सचिव ने लोकलेखा समिति के सामने बयान सिया कि प्रदेश मे 6,79 लाख राशन कार्ड बोगस हैं ,यानी इसका मारलाब ये कि इन करदो पे जाने वाला अनाज अपात्रा लोगो को मिलता था , या ये कहें कि जिन्हेमिलना चाहिये था उन्हे नही मिला .
अब जरा इस चावल कि गड़बड़ी के लिये अपने केलुकेटर निकाल के हिसाब लगाया जाये कि कितना चावल खान चला गया ,कहा गया वो बाद मे देखेंगे
6,79 लाख राशन कार्ड का मतलब हुआ ,प्रति कार्ड पे 35 किलो चावल यानी 23765000 किलो एक माह मे , साल मे हुआ 285180000 और 10 साल मे हुआ 2851800000 किलो ,टन मे चाहिये तो हुआ दो करोड़ पिच्यासी लाख अठारह हजार टन चावल कि हेरा फेरी ,या अपात्र लोगो तक चावल कि पहुच , ये अभी किसी को नहीं मालूम कि ये चावल अपात्र को मिला या किन्ही और व्यक्तियो या संस्थाओ ने लाभ कमाया .
सबसे बड़ी बात ये की उपरोक्त आंकड़े मेरे बनाये हुये नहीं है , मेने तो सिर्फ सरकारी आंकड़े को केलुकलेटर से गुना भाग किया हैं इसमे मेरा कोई दोष नहीं हैं , ये आप जानो और रमन सिंह कि सरकार .
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