चाहकर भी पोलावरम निर्माण नहीं रुकवा सकती राज्य सरकार
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विनोद सिंह, जगदलपुर। बस्तर संभाग के सुकमा व बीजापुर जिले के एक बड़े हिस्से को डुबोनें वाली पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में प्रस्तावित पोलावरम व इंचमपल्ली बहुउद्देशीय अन्तर्राज्यीय परियोनाओं का निर्माण छत्तीसगढ़ सरकार चाहकर भी नहीं रोक पाएंगी। ये दोनों परियोजनाए केन्द्र शासन की महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो योजना में शामिल हैं।
अभी इनमें से सिर्फ एक पोलावरम प्रोजेक्ट पर ही तेजी से काम चल रहा है और छत्तीसगढ़ सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस परियोजना के प्रभाव से सुकमा जिले के वनवासी बहुल हिस्से को बचाने की कोशिस में लगी है। सुप्रीम कोर्ट में दायर सिविल सूट में संशोधन करने का निर्णय लेने के बाद एक बार फिर पोलावरम बस्तर के संदर्भ में सुर्खियों में आ गया है।
जलसंसाधन विभाग के पोलावरम परियोजना के संबंध में जानकार लोगों का मानना है कि राज्य सरकार को भी भलिभांति मालूम है कि नदी जोड़ो योजना में शामिल इस परियोजना का विरोध एक हद तक ही किया जा सकता है। परियोजना का निर्माण तय है और इसका बहुत ज्यादा प्रभाव भले ही सुकमा जिले में न पड़े पर आंशिक असर पड़ना तय है।
छत्तीसगढ़ शासन ने भी 20 अगस्त 2011 को पोलावरम परियोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जो सिविल सूट दायर किया है उसमें परियोजना का निर्माण रोकने अथवा सुकमा जिले के हिस्से को डूबान से बाहर रखने की मांग नहीं की गई है। सरकार की मांग समझौते के अनुरूप निर्माण कराने की है। समझौते के उल्लंघन का विरोध किया गया है।
छत्तीसगढ़ को कुछ नहीं
पोलावरम बांध के डूबान से सुकमा जिले के 18 बसाहट क्षेत्र, करीब साढ़े सात हजार हेक्टेयर वन व राजस्व भूमि, 30 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। इसके एवज में छत्तीसगढ़ को मात्र डेढ़ टीएमसी पानी ही मिलेगा वह भी नहर का निर्माण कर लाने की अनुमति नहीं होगी बल्कि जलादोहन लिफ्ट सिस्टम से करना होगा।
सबसे बड़ा संकट दोरला आदिवासी जनजाति के विलुप्त होने के खतरे का है। छत्तीसगढ़ राज्य ने अभी तक नुकसान का विस्तृत आंकलन नहीं किया है। सरकार का कहना है कि 150 फीट पर निर्माण से सुकमा जिले की 683 और 177 फीट पर निर्माण से 2474 हेक्टेयर भूमि सबरी नदी के बैकवाटर से डूबेगी।
दक्षिण भारत तक जाएगा पानी
पोलावरम बांध के निर्माण के बाद नदी जोड़ो योजना के तहत गोदावरी नदी से कृष्णा नदी में 80 टीएमसी पानी छोड़ा जाना प्रस्तावित है। यह पानी तेलंगाना, कर्नाटक से लेकर केरल तक पहुंचाया जाएगा। नदी जोड़ो योजना में शामिल एक अन्य प्रोजेक्ट इंचमपल्ली बांध से पानी कृष्णा कछार में छोड़ने की योजना है।
ओआईसी पोलावरम एवं महानदी परियोजना के मुख्य अभियंता एसव्ही भागवत का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन ने केन्द्रीय जल आयोग और सुप्रीम कोर्ट दोनों के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं। परियोजना का निर्माण बंद करने की मांग हमारी नहीं है। हमारी मांग समझौते के उल्लंघन व छग को परियोजना से होने वाले नुकसान को लेकर है।
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