कुनकुरी का किस्सा ; मालिक ने कहा - कराया है भू-अर्जन, एसडीएम ने कहा- नहीं हुआ कोई भू-अधिग्रहण
रायगढ़ (निप्र)। कुनकुनी में जिस जमीन को स्थानीय आदिवासियों ने अपना बताते हुए उसमें गड़बड़ी की शिकायत की है, वह जमीन वेदांता कोल एण्ड लॉजिस्टिक नामक कंपनी क ी निकली, जो कि मौके पर निजी रेलवे साइडिंग का निर्माण करवा रही है। इस कंपनी के कई हिस्सेदार हैं।
कुनकुनी के जमीन की छानबीन करने नईदुनिया संवाददाता जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां पर काम कराता एक व्यक्ति मिला, जिसका नाम पप्पू राठौर था। जब हमने उससे बात की तो उसने कहा कि जो कंपनी रेलवे साइडिंग का काम करवा रही है उसका नाम वेदांता कोल एण्ड लॉजिस्टिक है। यदि कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए तो इसके लिए खरसिया के बजरंग अग्रवाल से संपर्क कीजिए। इस संबंध में जब हमने बजरंग अग्रवाल से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि यह काम उनका भले ही है, पर इसका काम उनके भाई अशोक अग्रवाल देखते हैं, जो होटल अंश इंटरनेशनल के मालिक हैं। जब हमने यह जानना चाहा कि आदिवासियों की जमीन पर रेलवे साइडिंग कैसे बन रही है, तो उन्होंने कहा कि हमने भू-अर्जन कराकर जमीन ली है। लेकिन उन्होंने और ज्यादा बात करने से मना करते हुए अशोक भाई से बात करने को ही बेहतर बताया। इसके बाद हमने अशोक अग्रवाल से बात करने की कोशिश की पर उनका फोन लगातार बंद मिला।
नहीं हुआ भू-अर्जन
इस संबंध में जब नईदुनिया संवाददाता ने खरसिया एसडीएम बीएस मरकाम से बात की तो उन्होंने कहा कि कुनकुनी या वेदांता कोल एण्ड लॉजिस्टिक कंपनी के नाम से कोई जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया है। ऐसे में हमने तीन बार उनसे यही पूछा ताकि वे अच्छी तरह देखकर बता सकें। तीनों बार उनका यही जबाव था कि कुनकुनी में कोई भू-अर्जन सरकार द्वारा नहीं कराया गया है।
पेसा एक्ट में आता है खरसिया
खरसिया में कोई भी भूमि अधिग्रहण बिना ग्राम सभा की अनुमति नहीं की जा सकती है। क्योंकि यह आदिवासी विकासखंड होने से पेसा एक्ट के दायरे में आता है। संबंधित कंपनी को ग्राम सभा से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। इसके बाद ही वहां पर जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है या किसी तरह का निर्माण कार्य कराया जा सकता है।
नहीं हुई कोई ग्राम सभा
कुनकुनी के ग्रामीणों के अनुसार गांव में भू-अर्जन के लिए कोई ग्राम सभा नहीं कराई गया है। हमें यह बताया भी नहीं गया है कि गांव में किसी प्रकार का भू-अर्जन किया जा रहा है। उन्हें जब यह बताया गया कि बिना ग्राम सभा के भू-अर्जन नहीं किया जा सकता, तब उन्होंने दावे के साथ कहा इस संबंध में कोई ग्राम सभा नहीं हुई है। इस बारे में जब हमने पंचायत सचित रामाधार डनसेना से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने हमारा मोबाइल रिसीव ही नहीं किया।
यह रेलवे साइडिंग वेदांता कोल एण्ड लॉजिस्टिक कंपनी की है। यह सब लाला भैया यानि बजरंग अग्रवाल का है। आदिवासी जमीन तो यहां सबकी है। जाएगी तो सभी की जमीन जाएगी। आप उन्हीं से बात कर लें तो ज्यादा जानकारी मिल पाएगी।
पप्पू राठौर
साइट इंचार्ज
हमने इस जमीन को भू-अर्जन से लिया है। लेकिन इस बारे में ज्यादा कुछ अशोक अग्रवाल ही बता पाएंगे। वे रायगढ़ में हैं उनसे बात कर लें।
हमने बाबू से कह कर चेक करवाया है, इस
बजरंग अग्रवाल
वेदांता कोल एण्ड लॉजिस्टिक
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