सम्भावना के आधार पर भी आपको पशु की हत्या का दोषी मानकर पुलिस केस चला सकती हैं
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चलिए आपको छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम , 2004 पढ़ते और उसके बारे में बताते है
इसकी धारा 6 के अनुसार ‘ कोई भी व्यक्ति किसी कृषिक पशु का इस अधिनियम के उपबंधो के उलंघन के प्रयोजन के लिये यह जानते हुए की उसका इस प्रकार से वध किया जायेगा या वध किया जाने की सम्भावना हैं आदि आदि पर अपराध कायम होगा .
इसका सक्षिप्त मतलब यह है की यदि आप कोइ कृषिक पशु को ले जा रहे अहि और किसी को यह शक हो गया की उसके वध की सम्भावना है तो वो आपके खिलाफ अपराध कायम हो जायेगा ,और इसी अधिनियम की धारा 11 में यह जिम्मेदारी आरोपी की होगी की वो यह सिद्द करे की उस जानवर के मारे जाने की संभावना नहीं हैं .तो यह गो भक्त को सिद्द नहीं करना हा की आपकी मंशा उस जानवर को मारने की नहीं है ,
कमाल का कानून होई की कोई भी भक्त किसी भी ऐसे किसान को पकड़ सकता है जो किसी भी कृषिक पशु [ सिर्फ गाय नहीं ] को कही भी ले जा रहा है भले ही वो पानी पिलाने ले जा रहा हो लेकिन वो भक्त कह देगा कि यह सम्भावना है की आप उसे कत्ल करने ले जा रहे हैं, और उसके लिया उसे कोई सबूत नहि दें हैं ,आपको ही कोर्ट में सिद्द करना पड़ेगा की मेरी मंशा उसे मारने की नहीं थीं.
इसकी धारा 6 के अनुसार ‘ कोई भी व्यक्ति किसी कृषिक पशु का इस अधिनियम के उपबंधो के उलंघन के प्रयोजन के लिये यह जानते हुए की उसका इस प्रकार से वध किया जायेगा या वध किया जाने की सम्भावना हैं आदि आदि पर अपराध कायम होगा .
इसका सक्षिप्त मतलब यह है की यदि आप कोइ कृषिक पशु को ले जा रहे अहि और किसी को यह शक हो गया की उसके वध की सम्भावना है तो वो आपके खिलाफ अपराध कायम हो जायेगा ,और इसी अधिनियम की धारा 11 में यह जिम्मेदारी आरोपी की होगी की वो यह सिद्द करे की उस जानवर के मारे जाने की संभावना नहीं हैं .तो यह गो भक्त को सिद्द नहीं करना हा की आपकी मंशा उस जानवर को मारने की नहीं है ,
कमाल का कानून होई की कोई भी भक्त किसी भी ऐसे किसान को पकड़ सकता है जो किसी भी कृषिक पशु [ सिर्फ गाय नहीं ] को कही भी ले जा रहा है भले ही वो पानी पिलाने ले जा रहा हो लेकिन वो भक्त कह देगा कि यह सम्भावना है की आप उसे कत्ल करने ले जा रहे हैं, और उसके लिया उसे कोई सबूत नहि दें हैं ,आपको ही कोर्ट में सिद्द करना पड़ेगा की मेरी मंशा उसे मारने की नहीं थीं.
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