आज पत्रकारों पे नक्सली समर्थक कहा गया ,कल तक यही आरोप जन संघटनो ,
उपरोक्त पोस्टर में सुकमा बोल रहा हूँ नमक वाट्सअप ग्रुप में पुलिस के किन्ही ग्रुप ने पहली बार पोस्ट किया गए थे
आज पत्रकारों पे नक्सली समर्थक कहा गया ,कल तक यही आरोप जन संघटनो ,एन जी ओ ,स्वास्थ संघटन और आप पार्टी और सीपीआई पार्टी से लेके तमाम मानवाधिकार संघटन को बार बार नक्सली समर्थक होने के लगाये गये .
बस्तर क्षेत्र के निरीह गरीब और वंचित आदिवासी रोज रोज इन आरोपों के कारण प्रताड़ना भुगत रहे है .
इन सबके बारे में भी ठीक यही तर्क पेश किये गये जो संतोष या समारू के खिलाफ कहा गया ,ऐसे ही खूब कार्टून छापे गए और भी बहुत बहुत भुगता है इन लोगो ने .
ये सब बार बार और पूरी इमानदारी से कहते रहे की हमारा माओ वादियों से कोई लेना देना नही है ,और था भी नहीं .
हमने उनके दर्द को सुना समझा और भुगता है .
आप भी इनके बारे में निर्णय करते वक्त एक बार नही कई बार सोचिये की ये भी निर्दोष हो सकते है .
उपरोक्त पोस्टर में सुकमा बोल रहा हूँ नमक वाट्सअप ग्रुप में पुलिस के किन्ही ग्रुप ने पहली बार पोस्ट किया गए थे
आज पत्रकारों पे नक्सली समर्थक कहा गया ,कल तक यही आरोप जन संघटनो ,एन जी ओ ,स्वास्थ संघटन और आप पार्टी और सीपीआई पार्टी से लेके तमाम मानवाधिकार संघटन को बार बार नक्सली समर्थक होने के लगाये गये .
बस्तर क्षेत्र के निरीह गरीब और वंचित आदिवासी रोज रोज इन आरोपों के कारण प्रताड़ना भुगत रहे है .
इन सबके बारे में भी ठीक यही तर्क पेश किये गये जो संतोष या समारू के खिलाफ कहा गया ,ऐसे ही खूब कार्टून छापे गए और भी बहुत बहुत भुगता है इन लोगो ने .
ये सब बार बार और पूरी इमानदारी से कहते रहे की हमारा माओ वादियों से कोई लेना देना नही है ,और था भी नहीं .
हमने उनके दर्द को सुना समझा और भुगता है .
आप भी इनके बारे में निर्णय करते वक्त एक बार नही कई बार सोचिये की ये भी निर्दोष हो सकते है .
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